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हमीरपुर में देवी मंदिर की आज भी देखरेख करता है मुस्लिम परिवार, मराठाकालीन दुर्गा मंदिर के अतीत में छिपा है सैकड़ों साल का इतिहास

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर शहर में मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मराठाकालीन दुर्गा मंदिर हिंदू और मुस्लिम समुदाय की एकता का मिसाल आज भी कायम किए है। यह मंदिर भी मुस्लिम की दहलीज पर बना है, जिसकी देखरेख आज भी मुस्लिम परिवार के लोग करते हैं। इस मंदिर का इतिहास भी सैकड़ों साल पुराना है। इस बार नवरात्रि पर्व को लेकर यहां मंदिर को संवारने का काम शुरू कर दिया गया है।

हमीरपुर शहर के सैयदबाड़ा मुहाल मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। यहां के जमींदार रहे ख्वाजा मजहरउद्दीन के रिहायशी घर के दरवाजे पर मां दुर्गा का मंदिर बना है। इस मंदिर का इतिहास भी कम से कम पांच सौ साल पुराना है। मंदिर मठ के अंदर मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा विराजमान है। इस मंदिर के ठीक बगल में अन्य तमाम देवियों की प्रतिमाएं भी स्थापित है। मां दुर्गा मंदिर के ठीक सामने एक बहुत ही प्राचीन शिवलिंग भी स्थापित है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह मंदिर बहुत ही पुराना है, जिसमें अक्सर चमत्कार होते रहते हैं। खास बात तो यह है कि इस मंदिर में सर्वाधिक हिन्दू परिवार की महिलाओं की भीड़ पूजा-अर्चना के लिए उमड़ती है। तमाम मांगलिक कार्यक्रमों की भी नवरात्रि पर्व में धूम मचती है।

सात फीट की ऊंचाई में चूने पत्थर से बना था मंदिर
दुर्गा मंदिर का निर्माण भी सिर्फ चूना-पत्थर और ककंरीट से ही कराया गया है। इसकी ऊंचाई भी सात फीट से कम है। यह मंदिर भी कई सदियां बीतने के बाद भी पूरी तरह से सुरक्षित है। मंदिर के अंदर सिर्फ बैठकर ही पूजा की जा सकती है। मठ के अंदर एक बार में एक ही भक्त दर्शन और पूजा कर सकता है। शुरू में इस मंदिर में पूजा करने हिंदू बिरादरी के लोग नहीं जा पाते थे, क्योंकि मंदिर मुस्लिम परिवार के रिहायशी घर के अंदर कर लिया गया था। बाद में मुस्लिम परिवार ने इस मंदिर को आम लोगों के लिए खोल दिया।

निरादर करने पर पूरे परिवार के शुरू हुए थे बुरे दिन
मुस्लिम समुदाय के तमाम लोगों ने बताया कि इस प्राचीन देवी मंदिर में बहुत समय तक पूजा अर्चना नहीं हुई थी, क्योंकि मंदिर रिहायशी घर के अंदर था। मंदिर में विराजमान देवियों का निरादर होने पर मुस्लिम परिवार को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। कई लोग गूंगे हो गए थे। बताते हैं कि इस मंदिर को पांच पीढ़ी से भी ऐसे ही देखा जा रहा है। बताया जाता है कि मंदिर मठ के अंदर स्थापित दुर्गा देवी की मूर्ति भी चमत्कारी है, इसीलिए यहां लोग मन्नतें मांगने आते हैं। खासकर नवरात्रि पर्व पर यहां तमाम मांगलिक कार्यक्रम होते हैं।

मुस्लिम परिवार ही देवी मंदिर की करता है देखरेख
हमीरपुर शहर के इकबाल हुसैन व इरफान खान ने बताया कि ख्वाजा मजहरउद्दीन हमीरपुर के जमींदार थे, जो इस मराठाकालीन दुर्गा मंदिर की देखरेख करते थे। अब उनके पौत्र हुम्मी भाई ही मंदिर की देखभाल करते हैं। बताया कि इस प्राचीन मंदिर में निर्माण कराकर अलग से गेट लगवाया है, जिससे किसी को मंदिर में आने जाने में कोई दिक्कतें न हो सके। नवरात्रि में यहां बड़ी तादाद में महिलाएं पूजा करने आती हैं। पंडित रामबिहारी शुक्ला का कहना है कि ये मंदिर दोनों सम्प्रदायों की एकता का मिसाल कायम किए है।