प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में चल रहे 5वें BIMSTEC (बे आफ बंगाल इनिशिएटिव फार मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनोमिक कोआपरेशन) शिखर सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। पीएम ने कहा कि BIMSTEC की स्थापना का ये 25वां साल है इसलिए आज का यह समिट बहुत महत्वपूर्ण है और इस लैंडमार्क समिट के परिणाम बिम्सटेक के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखेंगे।
पीएम ने कहा कि बिम्सटेक के बजट को बढ़ाने के लिए भारत 7.6 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देगा। मोदी ने बताया कि बजट बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य बिम्सटेक सचिवालय की क्षमता को मजबूत करना है। मोदी ने आगे कहा कि पिछले 2 सालों के चुनौतीपूर्ण माहौल में राष्ट्रपति राजपक्षे ने बिम्सटेक को कुशल नेतृत्व दिया है। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने सुरक्षा के मुद्दे पर बात की। उन्होंने सभी देशों को एकजुट रहने का मंत्र भी दिया। उन्होंने कहा कि यूरोप में अभी जैसी घटनाएं हुई हैं, उसे देखते हुए क्षेत्रीय सहयोग काफी ज्यादा मायने रखता है। मोदी ने कहा, ‘पिछले कुछ सप्ताह में यूरोप के डेवलपमेंट से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के स्थायित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है इस संदर्भ में बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग को और सक्रिय बनाना महत्वपूर्ण हो गया है। आज हमारे बिम्सटेक चार्टर को अपनाया जा रहा है। बिम्सटेक हमारी अपेक्षाओं को पूरा करे, इसके लिए सचिवालय की क्षमता को बढ़ाना भी महत्त्वपूर्ण है। मेरा सुझाव है कि सेक्रेटरी जनरल इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक रोडमैप बनायें।’
क्या है बिम्सटेक?
बता दें कि, बिम्सटेक एक क्षेत्रीय समूह है, जिसमें भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। यह बंगाल की खाड़ी में बसे 7 देशों का ऐसा अहम समूह है, जिसमें पाकिस्तान और चीन शामिल नहीं हैं। साथ ही यह चीन के प्रभाव को रोकने, पड़ोसी मुल्कों को साथ लाने और एक-दूसरे की अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का बेहतरीन अवसर उपलब्ध कराने का उचित माध्यम है।
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