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दीपक प्रकाश ने झारखंड में PMGSY पर राज्यसभा में उठाया सवाल, केंद्र के पास झारखंड से संबंधित एक भी मामला लंबित नहीं

Ranchi : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत झारखंड में सड़क परियोजनाओं को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यसभा में वस्तुस्थिति से सम्बंधित सवाल उठाया. पूछा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) के चरण 1, चरण 2 और चरण 3 में झारखंड में संस्वीकृत और निर्मित सड़कों की कुल लंबाई कितनी है. कितने प्रस्ताव लंबित हैं. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़कों की उचित रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए क्या-क्या उपाय किये गये हैं.

इस पर ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चरण एक, दो और तीन के तहत कुल 7513 सड़क निर्माण की स्वीकृत दी गयी है.

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इनमें 7216 सड़क का निर्माण हो सका है. इसके तहत 28180 किमी सड़क का निर्माण कराया जाना है, जबकि 26194 किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ है. 505 पुल निर्माण किया जाना था जिसमें से 439 पुल का निर्माण हो सका है.

झारखंड राज्य में पीएमजीएसवाइ 1 और 2 के अंतर्गत सभी लक्ष्य स्वीकृत किया जा चुका है. पीएमजीएसवाइ 1 और 2 को पूरा करने के लिए समय सीमा सितंबर, 2022 है.

पीएमजीएसवाइ 3 के अंतर्गत झारखंड राज्य को 4,125 किमी सड़क लंबाई आवंटित की गयी है जिसमें से 979 किमी लंबाई राज्य को स्वीकृत कर दी गयी है.

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पीएमजीएसवाइ 3 के अंतर्गत झारखंड राज्य का कोई प्रस्ताव के मंत्रालय में इस समय स्वीकृति के लिए लंबित नहीं है. पीएमजीएसवाइ 3 के तहत स्वीकृत कार्यों को पूरा करने के लिए समय सीमा मार्च, 2025 है. पीएमजीएसवाइ दिशा निर्देशों के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत निर्मित सड़कों का रख-रखाव राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है.

मानक बोली दस्तावेज के अनुसार सभी सड़क कार्यों का शुरुआती पंचवर्षीय रख-रखाव भी उसी ठेकेदार के साथ की जानेवाली निर्माण की संविदा में शामिल होता है. अनुबंध को पूरा करने के लिए रखरखाव निधि का बजटीय प्रावधान राज्य सरकारों द्वारा किया जाना अपेक्षित होता है.

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दीपक प्रकाश के मुताबिक हेमंत सरकार काम करना छोड़ दोषारोपण करने में ज्यादा आगे है. इस सरकार में काम करने की क्षमता नहीं है. यह नेतृत्वविहीन सरकार है.

इस सरकार से प्रदेश का भला नहीं होना है. मार्च समाप्त होने को है. महज 6 महीने में दो फेज का निर्माण कार्य पूरा करना है जो सहज नहीं.

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