Chaibasa : खाद्यान्न और कृषि उपज पर बाजार समिति टैक्स लगाने के झारखंड सरकार के फैसले से झारखंड के सम्पूर्ण खाद्यान व्यवसाय चौपट हो जायेगा. इसका पूरा फायदा पड़ोसी राज्यों ओडिशा, बंगाल, बिहार व छत्तीसगढ़ को होगा. ये बातें चाईबासा चैंबर के अध्यक्ष मधुसूदन अग्रवाल ने गुरुवार को चैंबर की एक आवश्यक बैठक में कही. विदित हो कि वर्ष 2015 में अनुपयोगी व अनावश्यक मानते हुए बाजार समिति को भंग किया गया था. 2022 में उसे वर्तमान सरकार द्वारा बाजार समिति व्यवस्था लागू करने के संबंध में विधेयक विधानसभा में पारित किया गया है. अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार के एक देश-एक कर के उद्देश्य का मख़ौल उड़ाते हुए झारखंड राज्य सरकार लगाना चाहती है. वर्तमान में यदि बाजार समिति व्यवस्था के तहत अतिरिक्त कर लगाया जाता है, तो महंगाई, अफ़सरशाही, घूसखोरी बढ़ेगी तथा भ्रष्टाचार अपने चरम पर होगा. उन्होंने बताया कि चाईबासा चैंबर शुक्रवार को जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल के माध्यम से राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपेगा.
बैठक में चैंबर के संस्थापक अनूप कुमार सुल्तानिया और निवर्तमान अध्यक्ष नितिन प्रकाश ने भी अपने विचार व्यक्त किये. बैठक में उपाध्यक्ष शिबूलाल अग्रवाल, विकास गोयल, सचिव संजय चौबे, संयुक्त सचिव दुर्गेश खत्री, नितिन अग्रवाल, कोषाध्यक्ष आदित्य सारडा, कार्यकारिणी सदस्य अजय कुमार अग्रवाल, थोक एवं खुदरा खाद्यान्न समिति के सभापति पवन ख़िरवाल, राजीव ख़िरवाल, अजय केडिया, संजय गुप्ता, प्रमोद गुप्ता आदि उपस्थित थे.
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