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चक्रधरपुर: पिछली सरकार में डीएमएफटी फंड का हुआ दुरूपयोग, जांच हो : सुखराम उरांव

Chakradharpur : जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट यानि डीएमएफटी फंड सहित जिले की विकास योजनाओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर झामुमो जिलाध्यक्ष सह चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव ने पक्ष रख विरोधियों पर निशाना साधा. सुखराम उरांव ने कहा कि विरोधी भ्रष्टाचार के गलत आरोपों के बल पर राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं, लेकिन उनके गलत मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे.

विधायक सुखराम उरांव ने बनमालीपुर स्थित अपने आवासीय कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर विरोधियों के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया. कहा कि कुछ दिनों से विरोधी इंटरनेट मीडिया एवं अन्य माध्यमों से डीएमएफटी सहित अन्य विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे है, ऐसे में सत्ता पक्ष के विधायक एवं जिलाध्यक्ष होने के नाते हमारा फर्ज है कि सभी को तथ्यों से अवगत करा विरोधियों के साजिश को बेनकाब करें. आरोप लगाया कि पिछली सरकार में डीएमएफटी फंड का सबसे ज्यादा दुरूपयोग हुआ है. इसलिए 2014 से 2019 तक एवं हमारी सरकार के दो साल के कार्यकाल की जांच हो.

किसी भी तरह की जांच से उन्हें गुरेज नहीं है. कहा पहले की सरकार में गिनती के मात्र पांच संवेदक जिले में डीएमएफटी की योजनाओं में काम करते थे, लेकिन हमारे समय में ऐसा नहीं है आज करीब ढाई सौ संवदेक काम कर रहे हैं और सारी योजनाएं आईने की तरह साफ है. योजनाओं के क्रियान्वयन में ग्रामसभा से लेकर फाइनेंस एक्ट के नियमों का पालन किया जाता है. उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा चुनाव में जमानत जब्त करवा चुके लोग बेबुनियाद आरोप लगा सुर्खियां बटोरना चाहते हैं, ऐसे लोगों के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने चक्रधरपुर के एक पूर्व विधायक का नाम लिए बगैर कहा 2016 से 2019 तक की उनकी निधि योजनाओं की भी जांच होनी चाहिए. विधायक सुखराम उरांव ने कहा सांसद-विधायक टेंडर मैनेज नहीं करते, बल्कि विकास योजनाओं की अनुशंसा करते है, क्योंकि यह अधिकार उन्हें जनता ने दिया है. कहा कि गलत आरोप लगाने वालों पर सरकार और संगठन कार्रवाई करेगी.

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