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Noida News: बायर्स को अंधेरे में रखकर बिल्डर प्रॉजेक्ट में नहीं कर पाएंगे बदलाव, दादा-दादी की प्रॉपर्टी का ट्रांसफर चार्ज नहीं

नोएडा: किसी प्रॉजेक्ट में बिल्डर अतिरिक्त निर्माण के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) खरीदना चाहता है और कुछ यूनिट उस प्रॉजेक्ट की बेच चुका है। ऐसे में उन यूनिट के बायर्स से बिल्डर को नोएडा अथॉरिटी के सहमति पत्र पर मंजूरी लेनी होगी। मंजूरी दो तिहाई से अधिक बायर्स की जरूरी होगी। अब तक यह मंजूरी बिल्डर-बायर एग्रीमेंट में शामिल एक पैराग्राफ जिसमें यह लिखा रहता है कि बिल्डर नियम के मुताबिक बदलाव को स्वतंत्र होगा उससे ही मिल जाती थी। साथ ही, प्रॉजेक्ट के लेआउट में भी अगर बदलाव के लिए बिल्डर को दो-तिहाई बायर्स से सहमति -पत्र भरवाना होगा। सहमति- पत्र की व्यवस्था व प्रारूप को सोमवार को अथॉरिटी के बोर्ड नें मंजूरी दे दी है। अधिकारियों के मुताबिक, अब आगे बोर्ड मीटिंग अंगीकृत कर यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। व्यवस्था यह भी होगी कि सहमति-पत्र पहले नहीं भरवाकर रखे जा सकेंगे। आवेदन के एक महीने के अंदर की तारीख उस पर दर्ज होगी। अगर किसी प्रॉजेक्ट में बिल्डर ने अगर कोई यूनिट नहीं बेची है और अतिरिक्त एफएआर खरीदना चाहता है या लेआउट में बदलाव चाहता है तो उसे ये मंजूरी नहीं लेनी होगी।

20 से ज्यादा सोसायटी में बायर्स कर रहे हैं विरोध
सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसायटी सेक्टर-93 ए में टि्वन टावर बिल्डर की मनमानी तरह से लेआउट में बदलाव करने का बड़ा उदाहरण है। इसके साथ ही 20 ज्यादा और शहर की सोसायटी हैं जिनमें बिल्डर के लेआउट बदलाव पर वहां के बायर्स विरोध जता चुके हैं। कई सोसायटी में स्टिल्ट पार्किंग की जगह पर बिल्डर ने फ्लैट बना लिए हैं, तो कुछ जगहों पर दुकानों की जगह ही बदल दी गई है। इसी तरह ग्रीन बेल्ट में कियोस्क बनवाए जाने और पार्किंग न दिए जाने की भी शिकायतें हैं। इन पर अथॉरिटी कार्रवाई भी कर रही है। सहमति-पत्र की व्यवस्था लागू होने के बाद ये शिकायतें व बिल्डर की मनमानी पर रोक लगेगी।

स्ट्रक्चरल ऑडिट के ड्रॉफ्ट पर नहीं हुई कोई चर्चा
शहर की बहुमंजिला इमारतों की मजबूती परखने के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट की व्यवस्था के लिए गाइडलाइंस तैयार करने के ड्राफ्ट पर अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक यह प्रस्ताव भी एजेंडे में शामिल था। लेकिन बैठक में समय कम होने के कारण इस पर चर्चा नहीं हुई। अब अथॉरिटी इसे अगली बोर्ड बैठक में रखेगी। इस प्रस्ताव को लेकर शहर की कई सोसायटी के निवासियों व बिल्डर लॉबी की भी नजरें थी। गुड़गांव की चिंटल पैराडिसो सोसायटी में हुए हादसे के बाद बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं।

दादा-दादी की प्रॉपर्टी का ट्रांसफर चार्ज नहीं लगेगा
नोएडा अथॉरिटी के बोर्ड में आवासीय भूखंड विभाग की तरफ से पौत्र-पौत्री को भी रक्त संबध में शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया। इसे बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। यह मांग किसान लंबे समय से नोएडा अथॉरिटी से कर रहे थे। ऐसा होने से अगर कोई बाबा-दादी अपने पौत्र-पौत्री को संपत्ति ट्रांसफर करेगा तो ट्रांसफर चार्ज नहीं देना होगा। अब तक ट्रांसफर चार्ज 1.5 से 2.5 प्रतिशत तक सर्कल रेट का होता है। किसानों की इस मांगे के पीछे तर्क यह था कि कई घटनाएं जिनमें किसी का शादीशुदा बेटे की मौत हो गई। अब वह अपनी संपत्ति पौत्र-पौत्री को ट्रांसफर करना चाहता था तो चार्ज देना पड़ता था।

इंडस्ट्रियल, आईटी और आवासीय प्लॉट के आवंटन नियम बदले
नोएडा अथॉरिटी ने इंडस्ट्रियल, आईटी व आईटी-इंस्टिट्यूशनल प्लॉट आवंटन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब ये प्लॉट अथॉरिटी ई-ऑक्शन (ऑनलाइन-नीलामी ) के जरिए ही आवंटित होंगे। अब तक लागू ड्रॉ और इंटरव्यू की व्यवस्था समाप्त होगी। सोमवार को हुई बैठक में अथॉरिटी के बोर्ड ने यह फैसला लिया है। साथ ही बोर्ड ने आवासीय प्लॉट के आवंटन नियमों में भी बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। आवासीय प्लॉट नोएडा अथॉरिटी भी कुछ दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी के नियमों पर ही आवंटित करेगी। आवासीय प्लॉट आवंटन में बदलाव यह होगा कि ई-नीलामी में कोई भी व्यक्ति एक से ज्यादा जगह के लिए भी शामिल हो सकेगा। एक प्लॉट जो लेगा उसकी नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए जमा की जाने वाली धनराशि अथॉरिटी लेगी। बाकी प्लॉट की वापस कर देगी। अब तक एक से अधिक प्लॉट की नीलामी में शामिल होने पर यह धनराशि जब्त करने की व्यवस्था थी। साथ ही, आवासीय प्लॉट की पूरी धनराशि एक साल के अंदर अथॉरिटी में जमा करनी होगी। अभी 3 से 4 साल तक समय धनराशि जमा करने पर अथॉरिटी देती थी। अथॉरिटी की यह 204 बोर्ड बैठक चेयरमैन संजीव मित्तल की मौजूदगी में हुई। नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी, ग्रेनो अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण, यमुना अथॉरिटी के सीईओ अरुण वीर सिंह, पीजीएम राजीव त्यागी समेत अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए।

4579 करोड़ रुपये खर्च को बजट की मंजूरी
अथॉरिटी ने इस बैठक में 2022-023 के बजट की भी मंजूरी बोर्ड से ली। खर्च होने वाला बजट 4579 करोड़ रुपये का है। जानकारी के मुताबिक, अथॉरिटी इसमें जमीन अधिग्रहण पर 500 करोड़, विकास एवं निर्माण पर 1530 करोड़, ग्रामीण क्षेत्र के विकास पर 125 करोड़, शहरी क्षेत्र की साफ-सफाई और उद्यानीकरण पर 978 रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही इस वर्ष 4880 करोड़ रुपये प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।

एक्वा और ब्लू लाइन के बीच खुद के खर्च पर अथॉरिटी बनाएगी एफओबी
एक्वा लाइन के सेक्टर-51 से ब्लू लाइन के सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन के बीच फुटओवर ब्रिज बनने का रास्ता आखिर साफ हुआ। नोएडा अथॉरिटी ने इस एफओबी को खुद के बजट से बनवाने की मंजूरी सोमवार को बोर्ड से ली। एफओबी न होने से मेट्रो यात्रियों को समस्या हो रही थी। एनएमआरसी ने बीओटी के आधार पर इस एफओबी के निर्माण को टेंडर करवाया था उसमें कोई एजेंसी नहीं आई थी। अब आगे इस एफओबी की डीपीआर तैयार होगी।

स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए तीनों अथॉरिटी की बनेगी कमिटी
स्ट्रक्चरल ऑडिट व्यवस्था को लागू करने के लिए नोएडा, ग्रेनो व यमुना तीनों अथॉरिटी की एक कमिटी बनेगी। यह कमिटी संयुक्त रूप से तीनों जगहों की जरूरतों का परीक्षण करेगी। नोएडा अथॉरिटी की तरफ से तैयार किए गए ड्रॉफ्ट में कुछ और विंदु जोड़कर व घटाकर आखिर में नया ड्रॉफ्ट तैयार किया जाएगा। इसे फिर आगे बोर्ड में रखा जाएगा एक समान नियम तीनों अथॉरिटी क्षेत्र में प्रभावी होंगे।

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