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 नगर पालिका एवं त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन हेतु निर्वाचक नामावली पुनरीक्षण के लिए प्रशिक्षण एवं समीक्षा बैठक आयोजित

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छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरपालिका तथा त्रिस्तरीय पंचायतों के रिक्त पदों के लिए आम एवं उप निर्वाचन 2022 की तैयारी की जा रही है। इस कड़ी में निर्वाचक नामावली तैयार करने का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। निर्वाचक नामावली तैयार करने की प्रक्रिया एवं ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के संबंध में आज आयोग के अधिकारियों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करने पर जोर दिया गया। प्रशिक्षण में राज्य के सभी जिलों के उप जिला निर्वाचन अधिकारी रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित थे।
प्रशिक्षण में बताया गया कि छत्तीसगढ़ नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 और छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम 1995 में किए गए संशोधनों के अनुसार निर्वाचक नामावली तैयार किया जाना है। पूर्व में मतदाता सूचियों के प्रारंभिक प्रकाशन के बाद दावा आपत्ति के दौरान जिनके नाम भारत निर्वाचन आयोग की अद्यतन निर्वाचक नामावली में नाम नहीं होते थे, उनके आवेदन भी नाम जोड़ने हेतु लिए जाते थे किंतु अब पात्रता रखने वाले व्यक्तियों से ही आवेदन लिए जाएंगे। प्रारूप-क में केवल ऐसे पात्र व्यक्तियों से आवेदन लिए जाएंगे जिनके नाम भारत निर्वाचन आयोग की निर्वाचक नामावली में तो है किंतु प्रारंभिक प्रकाशन में उनका नाम छूट गया हो तथा उनका नाम गलत वार्ड में दर्शित हो गया हो। निर्वाचन नियम में  संशोधन उपरांत प्रारूप क-1 नया जोड़ा गया है। इसमें आवेदन ऐसे व्यक्तियों से लिया जाएगा जिनके नाम पूर्व में भारत निर्वाचन आयोग के निर्वाचक नामावली में नहीं है किंतु उनके नाम दावा आपत्तियों के प्रारंभिक प्रकाशन की तिथि से लेकर दावा आपत्ति के निराकरण की अंतिम तिथि तक भारत निर्वाचन आयोग की निर्वाचक नामावली में सम्मिलित कर लिया गया हो। प्रारूप क-1 मे आवेदन केवल रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों या सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को प्रस्तुत किए जा सकेंगे। आवेदन के साथ भारत निर्वाचन आयोग की निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित होने संबंधी दस्तावेजी साक्ष्य जैसे रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का आदेश या इपिक कार्ड प्रस्तुत करना होगा।
प्रारूप क-1 में सॉफ्टवेयर में आदेश की या इपिक नंबर डालने पर ही संबंधित आवेदक का नाम दर्ज किया जा सकेगा। इस प्रारूप के माध्यम से नाम जोड़ने के पूर्व संबंधित रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का दायित्व होगा कि वह पूर्णरूपेण सुनिश्चित हो जाए कि संबंधित आवेदक का नाम भारत निर्वाचन आयोग की निर्वाचक नामावली में दर्ज है। प्रारूप ख में प्रविष्टियों में संशोधन संबंधी एवं प्रारूप ग में विभिन्न कारणों से विलोपन संबंधी आवेदन प्रस्तुत किए जा सकेंगे। प्रशिक्षण के दौरान निर्वाचक नामावली हेतु आवश्यक तैयारी के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए। निर्वाचक नामावली संबंधी प्रावधान में किए गए संशोधन का व्यापक प्रचार.प्रसार करने कहा गया। संशोधन संबंधी प्रावधानों से राजनीतिक दलों को भी अवगत कराने एवं जन सामान्य को जागरूक करने हेतु निर्देश दिए गए। मतदान केंद्रों में प्राधिकृत कर्मचारी द्वारा केवल प्रारूप क, ख एवं ग लिए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्वाचक नामावली में नाम तभी जुड़ेगा जब संबंधित आवेदक द्वारा अपना नाम निर्धारित समय अवधि में भारत निर्वाचन आयोग की निर्वाचक नामावली में जुड़वा लिया जाएगा।
  जिलों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि निर्वाचक नामावली तैयार करने के दौरान वार्डाे में विभाजन करते समय विशेष सावधानी बरतें  जिससे त्रुटि ना हो। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार की गई सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही निर्वाचक नामावली तैयार की जानी है जिसके लिए समय पूर्व प्रशिक्षित डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं आवश्यक व्यवस्थाएं पर्याप्त रूप से सुनिश्चित कर ली जाए। निर्वाचक नामावली में भागों का निर्धारण करते समय यह सुनिश्चित किया जाये कि किसी भी भाग में निर्धारित मापदंड से अधिक मतदाता ना हो। प्रतिदिन प्राप्त होने वाले आवेदनों की जानकारी भी आयोग को समय सीमा में निर्धारित प्रारूपों में उपलब्ध कराया जाए। दावा आपत्ति प्रक्रिया के दौरान कोविड-19 हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करने का निर्देश दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान आयोग के उप सचिव श्री दीपक अग्रवाल, डॉ. संतोष देवांगन, श्रीमती अंकिता गर्ग तथा अवर सचिव श्री आलोक कुमार श्रीवास्तव, श्री प्रणय वर्मा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।