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मथुरा जवाहर बाग कांड: मुख्य आरोपी रामवृक्ष के बेटे ने नगर निगम से मांगा पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र

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सार
जून 2016 में जवाहर बाग को कब्जामुक्त कराने पर हुई हिंसा की जांच करीब साढ़े साल पहले सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने कई बार मथुरा आकर साक्ष्य भी जुटाए, लेकिन अभी तक यह जांच पूरी नहीं हो सकी है।

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मथुरा के जवाहर बाग कांड के मुख्य आरोपी रामवृक्ष के बेटे ने नगर निगम से पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र मांगा है। नगर निगम ने उसे फॉर्म-दो भरकर देने के लिए कहा है। उसके बाद ही नगर निगम आगे कार्यवाही बढ़ाएगा। गौरतलब है कि 2 जून 2016 को जवाहर बाग का कब्जामुक्त कराते हुए तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और थाना प्रभारी फरह संतोष यादव सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी।  

रामवृक्ष के बेटे राजनारायण निवासी गांव रायपुर, गाजीपुर(उत्तर-प्रदेश) ने मथुरा नगर निगम से पिता रामवृक्ष का मृत्यु प्रमाण पत्र मांगा है। दावा किया है कि उस हिंसा में मेरे पिता भी मारे गए थे। सादे कागज पर प्रार्थना पत्र देने पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी करीम अख्तर कुरैशी ने फार्म-दो भरकर देने को कहा है। 

नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि रामवृक्ष के बेटे ने हाईकोर्ट में मृत्यु प्रमाण पत्र की मांग की थी। इस प्रकार का कोर्ट की तरफ से एक आदेश नगर निगम में आया। इसके बाद बेटे ने मृत्यु प्रमाणपत्र का प्रार्थना पत्र दिया है। फॉर्म-दो भरकर देने के लिए कहा गया है। उसके बाद भी आगे की कार्रवाई की जाएगी।

साढ़े चार साल में नहीं हो सकी सीबीआई जांच पूरी
साल 2016 में जवाहर बाग को कब्जामुक्त कराने पर हुई हिंसा की जांच करीब साढ़े साल पहले सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने कई बार मथुरा आकर साक्ष्य भी जुटाए, लेकिन अभी तक यह जांच पूरी नहीं हो सकी है। हर साल शहीद एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी पति की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने परिवार के साथ आती हैं। 

वह यहां पर अपने शहीद पति और शहीद तत्कालीन एसओ के चित्र पर पुष्प अर्पित करती हैं। पिछले पांच बार से लगातार आ रही अर्चना द्विवेदी ने साल 2021 में जांच पर सवाल खड़े किए थे। उनका आरोप था कि इतना समय बीतने के बाद भी जांच आज तक पूरी नहीं हो सकी है जबकि छह महीने में जांच पूरी करने का दावा किया गया था। उन्हें पता नहीं न्याय कब मिलेगा।

नहीं लगीं शहीदों की प्रतिमाएं

साल 2021 में नगर निगम की बोर्ड मीटिंग में जवाहर बाग में शहीद मुकुल द्विवेदी और संतोष यादव की प्रतिमा लगाए जाने पर मुहर लगी थी पर अभी तक यह प्रतिमाएं जवाहर बाग में नहीं लग सकी हैं। शासन और प्रशासन की हीलाहवाली से परिवारों में तो उबाल है, वहीं मथुरा की जनता भी इससे काफी दुखी नजर आ रही है। 

दो बार चुनावों में छाया रहा मुद्दा 

इस हिंसा को लेकर भाजपा ने सपा सरकार पर जमकर निशाना साधा था। सपा सरकार की खामियां गिनाकर भाजपा ने साल 2017 में यूपी की सत्ता पर भी कब्जा कर लिया था। 2022 के चुनाव में भी यह मुद्दा छाया रहा और हिंसा के लिए तत्कालीन सपा सरकार को ही जिम्मेदार माना। 

विस्तार

मथुरा के जवाहर बाग कांड के मुख्य आरोपी रामवृक्ष के बेटे ने नगर निगम से पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र मांगा है। नगर निगम ने उसे फॉर्म-दो भरकर देने के लिए कहा है। उसके बाद ही नगर निगम आगे कार्यवाही बढ़ाएगा। गौरतलब है कि 2 जून 2016 को जवाहर बाग का कब्जामुक्त कराते हुए तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और थाना प्रभारी फरह संतोष यादव सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी।  

रामवृक्ष के बेटे राजनारायण निवासी गांव रायपुर, गाजीपुर(उत्तर-प्रदेश) ने मथुरा नगर निगम से पिता रामवृक्ष का मृत्यु प्रमाण पत्र मांगा है। दावा किया है कि उस हिंसा में मेरे पिता भी मारे गए थे। सादे कागज पर प्रार्थना पत्र देने पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी करीम अख्तर कुरैशी ने फार्म-दो भरकर देने को कहा है। 

नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि रामवृक्ष के बेटे ने हाईकोर्ट में मृत्यु प्रमाण पत्र की मांग की थी। इस प्रकार का कोर्ट की तरफ से एक आदेश नगर निगम में आया। इसके बाद बेटे ने मृत्यु प्रमाणपत्र का प्रार्थना पत्र दिया है। फॉर्म-दो भरकर देने के लिए कहा गया है। उसके बाद भी आगे की कार्रवाई की जाएगी।