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Agra News: भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी की जांच 3 साल में भी पूरी नहीं कर सके योगी के अफसर

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आगरा: योगी की 2.0 सरकार ऐक्शन मूड में है, लेकिन सरकारी मशीनरी की शिथिलता तो देखिए कि तीन साल में भी भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ लंबित जांच पूरी नहीं हो सकी है। जिलाधिकारी के आदेश पर अब तक तीन जांच अधिकारी बदले जा चुके हैं। जांच रिपोर्ट अब तक जस की तस बनी हुई है। आलम यह है कि जुलाई 2021 में सीडीओ ए. मनिकनंदन ने एक ऑडियो क्लिप की फॉरेंसिक जांच कराने के लिए एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को पत्र भेजा था। उस रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं है। आखिर इस कार्यशैली से योगी सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त सरकार को कैसे पंख लग सकेंगे।

तीन फरवरी 2019 को ड्रग इंस्पेटक्टर राजकुमार शर्मा और ब्रजेश यादव ने एसडीजी फार्मास्यूटिकल्स के डायरेक्टर हरीबाबू के घर श्री दीक्षा बांके बिहारी धाम कॉलोनी सिकंदरा में रेड मारी थी। यहां से फर्म के कागजात और जरूरी दस्तावेजों को जब्त कर ले गए थे। आरोप है कि हरीबाबू से ड्रग इंस्पेक्टर ने 35 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी और गोदाम पर छापा मारकर सील करने की धमकी दी थी। मांग पूरी नहीं होने पर उसे जेल भिजवाने की धमकी भी दी थी। इसकी शिकायत हरीबाबू ने तत्कालीन जिलाधिकारी एनजी रविकुमार से की थी। शिकायत के बाद चार ऑडियो क्लिप हरीबाबू ने डीएम और एसएसपी को भेजे थे। एनजी रविकुमार ने प्रथम दृष्टया में ड्रग इंस्पेक्टर को दोषी माना था और तत्कालीन सीडीओ रविंद्र मांदड़ को जांच सौंपी थी। रविंद्र मांदड़ का तबादला हो जाने के चलते जांच पूरी नहीं हो सकी। तब से अब तक साक्ष्यों के अभाव में जांच अधर में लटकी है।

ऑडियो सुनकर दंग रह गए थे जिलाधिकारी
ऑडियो में ड्रग इंस्पेक्टर और दवा विक्रेता के बीच बातचीत रिकॉर्ड है। ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा मांगे जा रही 35 लाख की रिश्वत पर दवा विक्रेता 20 लाख रुपये देने पर राजी हो जाता है, लेकिन ड्रग इंस्पेक्टर 35 लाख देने को कहता है। काफी मिन्नतें करने के बाद 30 लाख पर सहमति बन गई। जब आरोपी ड्रग इंस्पेक्टर का ऑडियो डीएम एनजी रविकुमार से सुना तो वे दंग रह गए। इसमें बकायदा रुपये के लिए ड्रग इंस्पेक्टर सौदेबाजी कर जगह भी तय कर रहा था।

डीएम को अब तक नहीं मिली जांच रिपोर्ट
इस प्रकरण में अब तक तीन जांच अधिकारी बदले जा चुके हैं। सीडीओ रविंद्र मांदड़ के बाद जे. रीभा ने जांच की। इनके बाद सीडीओ ए. मनिकनंदन जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ऑडियो क्लिप की सीडी की फॉरेंसिक जांच करवाने के लिए एसएसपी को पत्र भेजा है। उन्होंने जुलाई 2021 में पत्र भेजा था। अब तक जिलाधिकारी के पास जांच रिपोर्ट नहीं पहुंच सकी है। सरकारी अधिकारी को प्रशासनिक अधिकारी किस तरह से बचाने में जुटे हैं, यह प्रकरण इसकी बानगी है।