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छत्तीसगढ़ में साकार हो रहा है संत बाबा गुरू घासीदास का ‘मनखे-मनखे एक समान‘ का संदेश: श्री मोहम्मद अकबर

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर ने आज कबीरधाम जिले के ग्राम बरबसपुर में आयोजित तीन दिवसीय संत गुरू घासीदास बाबा संत समागम मेला को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में संत गुरू बाबा घासीदास का ‘मनखे-मनखे एक समान‘ का संदेश साकार हो रहा है। श्री अकबर ने संत गुरू घासीदास बाबा के मंदिर में पहुंचकर श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की तथा प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की। कैबिनेट मंत्री श्री अकबर का संत समागम मेला में शामिल सामाजिक बंधुओं द्वारा पगड़ी पहनाकर अभूतपूर्व स्वागत किया गया।

श्री अकबर ने संत समागम मेला में कहा कि जहां संतों का आगमन होता है उस स्थल का महत्व और उसकी ख्याति अपने आप बढ़ जाती है। इस आयोजन के लिए मैं समाज को बधाई देता हूं। मंत्री श्री अकबर ने संत समागम आयोजन समिति के आग्रह पर सौगातों की झड़ी लगा दी। श्री अकबर ने सामाजिक उत्थान के लिए 5 लाख रूपए देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने पंथी नृतक दल को 25 हजार रूपए, लोक गायिका पांडवानी समूह को 25 हजार रूपए, करूणा माता समिति को 25 हजार रूपए, ग्राम में गोधन न्याय योजना के तहत पंजीकृत गोबर खरीदी समिति को 25 हजार रूपए देने की घोषणा की। उन्होंने समाज के लोगों की मांग पर गांव में नवीन खाद्य गोदाम भवन की भी घोषणा की।

श्री अकबर ने सतनाम समाज के समाजिक सहयोग की भावना का स्मरण करते हुए कहा कि इस समाज से मुझे सदैव भरपूर सहयोग मिलता रहा है। उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआती दौर विरेन्द्र नगर से लेकर पंडरिया और कवर्धा विधानसभा क्षेत्र सफर का स्मरण भी किया। श्री अकबर ने संत समागम मंच के माध्यम से राज्य निर्माण के दौरान छत्तीसगढ़ की पहली सरकार के द्वारा संत गुरू घासीदास बाबा के पवित्र जन्म स्थल गिरौदपुरी धाम की ख्याति बढ़ाने लिए तत्कालीन फैसलों का स्मरण किया। उन्हांेने कहा कि आज प्रदेश में संत गुरू घासीदास बाबा का जन्म स्थल गिरौदपुरी धाम प्रदेश में समाजिक समरसता, एकता और अखंडता का संदेश देते हुए एक दर्शनीय, जन आस्था और पर्यटन स्थल के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने बताया कि तत्कालीन प्रथम राज्य सरकार में वे भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी जी द्वारा गिरौदपुरी धाम की ख्याति को और आगे बढ़ाने के लिए संत बाबा के पवित्र जन्म स्थल पर कुतुबमीनार से भी ऊंचा जैतखाम बनाने का निर्णय लिया गया। आज उस स्थल पर संत बाबा के सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए गगन चूमता जैतखाम विद्यमान है। उन्होंने समाज को भरोसा दिलाया कि वे समाज के उत्थान की दिशा में हमेशा तत्पर रहेंगे।

इस अवसर पर अध्यक्ष एवं राज मंहत श्री रूपचंद मोहले ने बताया कि ग्राम बरबसपुर में प्रतिवर्ष संत गुरू घासीदास बाबा जी का संत समागम मेला का आयोजन होता आ रहा है। इस पावन ग्राम की भूमि पर संत बाबा के एक भव्य मंदिर का निर्माण समाज एवं ग्रामवासियों द्वारा किया गया है। इस संत समागम मेला में समाजिक गुरूओं एवं संतों का आगमन होता है। मंदिर पर 14 वर्ष से पहले कलश ज्योति की स्थापना की गई थी। संत समागम मेला में उपाध्यक्ष एवं जनपद सदस्य श्री पंचू कोसरिया, श्री अगमदास अनंत, श्री भजन पोर्ते, श्री शिवप्रसाद कोसरिया, श्री किशन बंजारे, श्री अंजोर दास मोहले, श्री शीतल दास, सरपंच श्रीमती रूपाबाई बंजारे, श्री लालचंद मोहले, सहित समाजिक, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।