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Lakhimpur Kheri Incident: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत पर फैसला कल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सबकी नजर

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लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Case) में आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत रद्द करने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सोमवार को फैसला सुनाएगी। इसी के साथ तय हो जाएगा कि लखीमपुर खीरी के तिकोनिया मोड़ पर 3 अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा मामले के मुख्य आरोपी जेल जाएंगे या फिर बाहर रहेंगे। कोर्ट ने इससे पहले यूपी सरकार (UP Government) ने 4 अप्रैल तक इस मामले में जवाब मांगा था और इस दिन हुई सुनवाई में सभी दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा था कि यह जघन्य अपराध है। हालांकि, उन्होंने साथ ही कहा कि उनके भागने का खतरा नहीं है। दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

एडवोकेट सीएस पांडा और शिव त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट से आशीष मिश्रा की जमानत याचिका की अर्जी खारिज करने की मांग की है। यूपी सरकार के वकील ने कहा कि हमें इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट मिली है और हमने इसे राज्य सरकार को भेज दिया है। इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि आपने ये नहीं बताया कि चिट्ठी कब लिखी गई थी। ये ऐसा मामला नहीं है कि आप इतना इंतजार करें। अब देखना होगा कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला सुनाती है। इस आदेश से साफ होगा कि लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के के बेटे आशीष मिश्रा जमानत पर बाहर रहेंगे या फिर उन्हें जेल जाना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले मांगा था यूपी सरकार से जवाब
चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की विशेष पीठ ने 30 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार को आशीष की जमानत रद्द करने के मामले में विशेष जांच दल (SIT) की जांच की निगरानी कर रहे एक रिटायर जस्टिस की दो रिपोर्ट पर चार अप्रैल तक जवाब देने का निर्देश दिया था। इससे पहले, राज्य सरकार ने कहा था कि जमानत देने को चुनौती देने का निर्णय संबंधित अधिकारियों द्वारा विचाराधीन है।

शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस राकेश कुमार जैन को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश की एसआईटी की जांच की निगरानी के लिए नियुक्त किया था। पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आठ लोग मारे गए थे, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे।