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Kanpur News: महामंडलेश्वर प्रखर महाराज की शिष्या के कोर्ट में बयान, बोली जादू-टोना नहीं मर्जी से बनी सन्यासी

कानपुर: यूपी के कानपुर में रहने वाली एक महिला ने श्री प्रखर परोपकार मिशन के संस्थापक एवं महामंडलेश्वर प्रखर महाराज पर दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला ने प्रखर महाराज पर आरोप लगाया था कि उसकी बेटी को जबरन बंधक बनाकर हरिद्वार आश्रम में रखा गया है। बेटी के साथ दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी दी जा रही है। गुरुवार को महिला की बेटी ने कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने चौंकाने वाले बयान दर्ज कराए। युवती ने कहा कि मेरे पैरेंट्स ने साधु-संतों और प्रखर महाराज को बदनाम करने के मकसद से एफआईआर दर्ज कराई थी। कोर्ट में बयान दर्ज कराने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की।

किदवई नगर थाना क्षेत्र में रहने वाला परिवार प्रखर महाराज पर पूर्ण आस्था रखता था। युवती की मां ने पुलिस को बताया था कि बीते फरवरी 2020 में प्रखर महाराज कानपुर प्रवास पर थे। इसी दौरान बेटी भी बेंगलुरु से पढ़ाई कर लौटी थी। मैं अपने पति और बेटी के साथ प्रखर महाराज से मिलने के लिए गई थी। छात्रा के परिजनों ने आरोप लगाया था कि प्रखर महाराज ने बेटी को दीक्षा देने के लिए अकेले कमरे में बुलाया था। दीक्षा देने के बहाने बेटी के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म किया था। इसके बाद बेटी को लेकर हरिद्वार आश्रम चले गए थे। महिला की तहरीर पर किदवई नगर पुलिस ने प्रखर महाराज पर केस किया दर्ज किया था।

महिला की बेटी ने अपने वकील के साथ सिविल जज जूनियर डिवीजन की कोर्ट में पहुंचकर बयान दर्ज कराए। युवती के बयान के बाद उसके पैरेंट्स सवालों के घेरे में आ गए हैं। युवती ने कोर्ट को बताया कि उसके साथ किसी तरह का यौन शोषण नहीं हुआ है। मैंने अपनी इच्छा से 2019 में सन्यास लिया था। इसके साथ ही फरवरी 2020 में घर छोड़ दिया था।

बदनाम करने की साजिश
प्रखर महाराज की शिष्या ने बताया कि उत्तराखंड महिला आयोग को 27 जनवरी 2021 को जानकारी दी थी कि मैंने संन्यास ग्रहण किया है। मेरा पासपार्ट, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड सन्यास धर्म के अनुरूप अपडेट हो गए हैं। मेरे पैरेंट्स से मुझे जान का खतरा है। मैं पढ़ी लिखी हूं, मुझे कोई बहला-फुसला नहीं सकता है।

प्रखर महाराज की शुक्लागंज में स्कूल और प्रॉपर्टी है। संस्था की पूर्व पदाधिकारियों की उस पर नजर है। इसके पीछे कुछ षड्यंत्र है। प्रखर महाराज को बदनाम करने के लिए यह सब किया गया है, ताकि उनका कानपुर आना-जाना बंद हो जाए और प्रॉपर्टी पर कब्जा हो जाए। जल्द ही समय लेकर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की जाएगी।

राज्य महिला आयोग की सदस्य से मिला था परिवार
युवती के माता-पिता ने राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर को आपबीती सुनाई थी। राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर ने परिवार को मदद का अश्वासन दिया था। राज्य महिला आयोग की सदस्य के निर्देश के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। पूनम कपूर ने परिवार को भरोसा दिलया था कि बेटी को आश्रम से लेकर आएंगे।

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