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Prayagraj Crime News: प्रयागराज में ये क्या हो रहा है? एक सप्ताह के भीतर दो बड़ी घटनाएं, दो परिवार की 10 मौतों के बाद गहराए सवाल

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर हत्या के मामले शहर में बढ़ क्यों रहे हैं? पिछले सात दिनों में दो बड़ी वारदातों ने विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का मौका दे दिया है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक बार फिर सरकार को पूरे मामले में घेरा है। 16 अप्रैल को जब एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत का मामला सामने आया था, तब भी इसी प्रकार का बवाल मचा था। बाद में सुसाइड नोट सामने आने के बाद हत्याकांड की वजह पारीवारिक विवाद बताया गया। अब एक बार फिर पांच लोगों की हत्या के मामले सामने आने के बाद इलाके में सनसनी मची है।

प्रयागराज में शनिवार को एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या मामला सामने आया है। सामूहिक हत्याकांड का मामला सामने आते ही माहौल गर्म हो गया है। प्रयागराज के शिवराजपुर से इस हत्याकांड का मामला सामने आया है। अपराधियों ने एक ही परिवार के पांच लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी। हत्यारों ने बुजुर्ग दंपत्ति, बेटी, बहू और पोती को मौत के घाट उतारा है। हत्या को किसने अंजाम दिया? इस हत्याकांड का मकसद क्या था? हत्यारे कौन थे? इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं। हत्यारे पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। ऐसे में प्रयागराज में पुलिस और प्रशासन की चौकसी पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इतने बड़े हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अपराधी गायब हो गए, यह भी सवालों के घेरे में है।

प्रयागराज में परिवार के 5 लोगों की हत्या के बाद बिलखते परिजन

एसएसपी-डीएम ने दी है पूरे मामले की जानकारी
प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार ने हत्याकांड मामले की पूरी जानकारी दी है। उनका कहना है कि थरवई से पूरा मामला सामने आया है। घटना की जानकारी पुलिस को सुबह 5 बजे मिली। हमारी टीम जब घटनास्थल पर पहुंची तो वहां राजकुमार, उनकी पत्नी, बेटी, बहू और एक पोती मृत अवस्था में मिले। उनकी दूसरी पोती जीवित है। घर के बेडरूम में आग लगाया गया था। दमकल बुलाकर उसे बुझाया गया है। सभी टीम जांच में जुट गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मृतक के परिजन के बयान के आधार पर जांच होगी। जो एक बच्ची जीवित बची है, उसे पुलिस संभाल रही है।

आखिर किसने दिया वारदात को अंजाम? पुलिस जांच में जुटी है

प्रयागराज के डीएम संजय कुमार खत्री ने बताया कि राजकुमार के परिवार में सुनील और एक पांच साल की बच्ची जीवित हैं। टीमों को गठित कर दिया गया है, जांच की जा रही है। सुनील का भी बयान लिय जा रहा है। अभी तक आपसी रंजिश की कोई बात सामने नहीं आई है। पुलिस हर पहलू को देख रही है।

पुलिस की ओर से गठित की गई है सात टीमें
प्रयागराज पुलिस की ओर से हत्याकांड के मामले में जांच के लिए सात टीमों का गठन किया गया है। पुलिस सभी शवों को कब्जे में लेकर जांच कर रही है। डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम की मदद से जांच की जा रही है। मृतकों में 55 वर्षीय राजकुमार यादव, उनकी पत्नी 50 वर्षीय कुसुम, 25 वर्षीय बेटी मनीषा, 27 वर्षीय बहू सविता और दो साल की पोती मीनाक्षी शामिल हैं। पांच वर्षीय पोती साक्षी पुलिस को जिंदा मिली है। वह काफी डरी हुई है और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हत्यारों ने दो वर्षीय बच्ची की हत्या क्यों की? यह सवाल सबसे अधिक उठ रहा है।

पुलिस के मुताबिक हत्याएं किसी भारी चीज से कुचलकर की गई हैं

बेडरूम में लगी थी आग
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद बेडरूम में आग भी लगा दी गई। पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो उसने शवों को अपने कब्जे में लेकर उसे पहले बाहर निकाला। आग लगने के कारण इसे हटाने का मामला सामने आ रहा है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा। परिजनों की तहरीर पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इस हत्याकांड के मकसद पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। क्या इस परिवार की किसी से दुश्मनी चल रही थी? क्या घर में अपराधियों ने चोरी की घटना को भी अंजाम दिया? इन सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं। इन सवालों के जरिए ही घटना के मकसद का पता लगाने में मदद मिलेगी।

पिछले हत्याकांड में हुआ था बड़ा खुलासा
16 अप्रैल को सामने आए मामले में बड़ा खुलासा हुआ था। 15 अप्रैल की देर रात परिवार के सभी सदस्य सोए थे। सुबह को जब दरवाजा नहीं खुला तो लोगों ने खोला। वहां राहुल तिवारी का शव लटका हुआ पाया गया था। पत्नी और तीन बच्चों के शव बेड पर लहूलुहान पड़े थे। इस मामले में आए सुसाइड नोट में ससुराल पक्ष पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। सुसाइड नोट में इस हत्याकांड का जिम्मेदार 11 लोगों को ठहराया गया था। इस मामले के सामने आने के बाद भी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठे थे। हालांकि, सुसाइड का मामला सामने आने के बाद विपक्ष का हमला थम गया था। इस बार मामला काफी गंभीर बनता दिख रहा है। जवाब पुलिस प्रशासन को देने होंगे।