मध्यप्रदेश की पहचान माफिया से नहीं हो सकती, इसीलिए हमने माफिया के खिलाफ अभियान शुरू किया है। यह चलता रहेगा। कमल नाथ को कोई दबा नहीं सकता, कोई पटा नहीं सकता। हमें अपनी पहचान बदलनी है। मध्यप्रदेश की पहचान यहां की सरल और मेहनती जनता से होना चाहिए। 15 साल में घोषणाएं सुनते-सुनते मध्यप्रदेश की जनता का पेट भर गया, लेकिन मैं घोषणाएं नहीं करता। घोषणाओं से तालियां तो बज जाती हैं, लेकिन मैं तालियों की खोज में नहीं हूं। मैं तो उस खोज में हूं कि काम हो तो आप दिल से तालियां बजाएं।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शुक्रवार को इंदौर के रंगवासा में यह बात कही। वे राऊ विधानसभा में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के दूसरे चरण की शुरुआत करने आए थे। इस दौरान उन्होंने राऊ क्षेत्र में 800 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास किया। किसान कर्ज माफी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वचन दिया था, वचन पूरा करेंगे। हम कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लाएंगे।
मुख्यमंत्री ने भाजपा के राष्ट्रवाद के नारे पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि आज मोदीजी नौजवानों की, रोजगार की, किसानों की बात नहीं करते। वे पाकिस्तान की बात करते हैं। मैं पूछना चाहता हूं, ठीक है हम पाकिस्तान का मुकाबला करने को तैयार हैं, पर पहले हमारे नौजवानों का भविष्य तो सुरक्षित बने, तभी हम पाकिस्तान से सामना कर पाएंगे। मैं भाजपा के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि एक नाम तो बता दें जो स्वतंत्रता सेनानी रहा हो और उनकी पार्टी में रहा हो। एक नाम नहीं बता पाएंगे और कांग्रेस को पाठ पढ़ाएंगे राष्ट्रवाद का। यह कैसी कलाकारी है, सच्चाई पहचान लेना।
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