पुलिस ने रविवार को कहा कि नयति हेल्थकेयर की चेयरपर्सन नीरा राडिया और सात अन्य पर एक कोविड -19 मरीज के इलाज में कथित लापरवाही के लिए मामला दर्ज किया गया है, जिसकी यहां अस्पताल से छुट्टी होने के बाद मौत हो गई थी।
कृष्णानगर क्षेत्र की रहने वाली भगवती वर्मा ने नयति मेडिसिटी अस्पताल प्रबंधन पर अपने पति के इलाज में लापरवाही बरतने और कोविड दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी।
महिला की ओर से जैंत थाने में दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक अस्पताल ने बिना किसी पूर्व सूचना के मरीज को छुट्टी दे दी।
उसने आगे आरोप लगाया कि उसके पति को पिछले साल कोरोनावायरस संक्रमण हुआ था और उसे 10 मई, 2021 को नयति अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसने कहा कि उसके पति को 15 मई को छुट्टी दे दी गई और बाद में उसकी मृत्यु हो गई।
महिला ने यह भी दावा किया कि अस्पताल ने धोखे से इलाज के खर्च के रूप में उनसे 1.90 लाख रुपये से अधिक ले लिए।
पुलिस ने कहा कि नीरा राडिया, अस्पताल निदेशक नरेंद्र सिंह, वरिष्ठ लेखा अधिकारी सुनील, लेखा अधिकारी बालकिशन चतुर्वेदी, वित्त निदेशक यतीश बहल, वित्त नियंत्रक हेमंत जावा और चंदन सिंह और सागर टुटेजा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस उपाधीक्षक (सदर) प्रवीण मलिक ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही गिरफ्तारियां की जाएंगी।
अस्पताल पिछले कुछ महीनों से बंद है और प्राथमिकी पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
राडिया पहले कॉरपोरेट लॉबिस्ट थे। 2009 में कुछ टेप सामने आने के बाद वह सुर्खियों में आईं, जिसमें कथित तौर पर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर सरकारी फैसलों को प्रभावित करने में उनकी भूमिका का संकेत दिया गया था।
उन्हें पिछले साल दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक मामले के सिलसिले में तलब किया था, जिसमें तीन लोगों को अस्पताल बनाने के लिए यस बैंक से ऋण के रूप में लिए गए 300 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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