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Editorial :- शाहीनबाग की आड़ में अलीगढ़् की तर्ज पर PFI-भीमआर्मी और ISI ने रची थी दिल्ली दंगों की साजिश

29 February 2020

कल २८ फरवरी २०२० के संपादकीय में मैंने लिखा था कि अजित डोभाल के साहस और ट्रंप के बेबाक बोल से लोकतंत्र के ४ स्तंभ लें शिक्षा।

लोकतंत्र के चारों स्तम्भों की दिग्भ्रमित क्रियाकलापों से शाहीनबाग भारत के टुकड़े करने की एक साजिश का प्रयोगशाला बन गयी है।

कन्हैया कुमार तथा अन्य आजादी गैेंग और उनके संरक्षक विपक्षी नेताओं ने अपनी साजिश का खुलासा भी कर दिया था कि शाहीनबाग जैसे सड़क जाम पूरे हिन्दुस्तान में की जायेगी और यह भारत के टुकड़े-टुकड़े करने या शरजील इमाम के अनुसार चिकन गलियारा काटकर भारत के टुकड़े किये जायेंगे।

कोर्ट में शाहीनबाग से संदर्भ में कई सप्ताह से केस पेंडिंग हैं। ऐसी स्थिति में मीडिया और कोर्ट के कारण पुलिस भी निष्क्रिय रही। इसका फायदा टुकड़े-टुकड़े गैंग ने और उसके संरक्षक सत्तालोलुप नेताओं ने उठाया और दंगे करने की साजिश रची।

इसका प्रारंभ शाहीनबाग से आक्सीजन प्राप्त कर जामिया, जेएनयू अलीगढ़ आदि में हिंसक प्रदर्शन कर हुआ।

तीन दिन पूर्व जाफराबाद में भी शाहीनबाग जैसे प्रदर्शन को मेट्रो के नीचे की सड़क जाम कर मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को बैठाकर किया गया। इससे उस क्षेत्र के नागरिक कपिल मिश्रा के नेतृत्व में यह आव्हान किये कि तीन दिन का हम समय दे रहे हैं इस दरमियान सड़क जाम करना हटा दिया जाये अन्यथा वे भी धरने पर बैठेंगे।

टं्रप की यात्रा और कपिल मिश्रा के उक्त उस  वक्तव्य की आड़ में अपने दंगा कराने की साजिश को असमाजिक तत्वों के सहारे सीएए विरोधी ताकतों ने अंजाम दिया।

हिंसक कृत्य वाले सीएए विरोधी आंदोलन करने वाले सभी असमाजिक तथा राजनीतिक विपक्षी नेताओं ने अपना पाप धोना प्रारंभ कर दिया और इसमें सहायक कुछ टीवी चैनल भी बने।

केजरीवाल की पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन  की साजिश जिस प्रकार से जाहिर हो चुकी है और उसी ने आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की   भी हत्या करवाई ऐसा आरोप शर्मा के परिजनों का है। एसआईटी जांच कर रही है।

>> पटना के प्रसिद्ध गांधी मैदान में तमाम सामाजिक हस्तियों के बीच कन्हैया कुमार के मंच पर जहां पीएम मोदी के खिलाफ जमकर भाषण कराए गए, वहीं कन्हैया कुमार ने मंच पर ही एक ऐसे बच्चे को उतार दिया जिसने पीएम के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी किया।  कन्हैया  बाद में समर्थन के लिए उसे गोद में उठाकर जनता का अभिवादन करने लगे।

>>  यहॉ यह उल्लेखनीय है कि शाहीनबाग में इसके पूर्व भी बच्चों का रेडिक्लाइजेशन हुआ है। वायरल हुए वीडियो में ष्ट्र्र के खिलाफ बच्चे नारेबाजी कर ये कहते हुए दिखे कि मोदी और शाह अगर उन्होंने ये कागज नहीं दिखाये तो उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेज दिया जाएगा, जहां उन्हें खाना खाने और कपड़े पहनने की अनुमति नहीं होगी. इसके बाद वे यह भी कहते हुए दिखे कि मोदी शाह की हत्या कर दी जायेगी।

>> २३ जनवरी २०२० को कन्हैया ने कहा था-देशभर में लहराएगा शाहीन बाग का परचम  –

उन्होंने मोदी और शाह को निशाने पर लेते हुए कहा था कि ‘बागों में बहार है, बौखलाया तड़ीपार है, साहेब बेकरार हैं, झूठ बेशुमार है, क्योंकि, देश के हर कोने में अब, शाहीन बाग तैयार है…।

सोशल मीडिया पर कन्हैया का ये वीडियो वायरल होने के बाद लोग उन्हें ट्रोल भी कर रहे हैं। कुछ यूजर ने तो कन्हैया के पोस्ट के तर्ज पर ही लिखा… अजऱ् किया है- देश में जब से आज़ादी है, बौखलाया सब कोम्मी और जिहादी है, करनी बस बर्बादी हैं, कम होने वाली इनकी आबादी है।

>> उक्त तथ्यों के आधार पर ही मैंने कल के  संपादकीय में लिखा था कि शाहीनबाग में ही जिन्ना वाली आजादी के नारे लगे और अल्प संख्यक समुदाय को हिन्दुओं के प्रति भारत के सरकार के प्रति नफरत पैदा करने और  हिंसा करने का आक्सीजन दिया गया।

दिल्ली में हुए दंगे अलीगढ़ की तर्ज पर हुए हैं और यह तीन दिन की साजिश नहीं है बल्कि १५ दिसंबर से ही इस साजिश की तैय्यारी होते रही है और इसमें नेताओं के उकसाने वाले भाषण और कुछ मीडिया की टिप्पणियां भी हैं।