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विश्‍व मलेरिया दिवस: यूपी में पांच साल में 3 गुना घटा मलेरिया… टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रैकिंग के 3टी फॉर्म्युले पर चले उन्मूलन अभियान का असर

लखनऊ: मलेरिया उन्मूलन अभियान में उत्तर प्रदेश सरकार के थ्री-टी फॉर्म्युले का असर दिखना शुरू हो गया है। टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रैकिंग के चलते राजधानी ही नहीं प्रदेश में मलेरिया की संक्रमण दर तीन गुना तक कम हो गई है। मरीजों की संख्या में भी काफी कमी हुई है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में लखनऊ में मलेरिया की संक्रमण दर 0.10 फीसदी थी। 2019 में 0.08 फीसदी रह गई, जबकि पिछले दो साल से महज 0.03 फीसदी ही है। प्रदेश की बात करें तो 2018 में यूपी में मलेरिया की संक्रमण दर 1.63 और 2019 में 1.58 फीसदी थी, जो 2020 में घटकर 1.03 रही गई। पिछले साल संक्रमण दर महज 0.25 पर आ गई थी। 2020 से वर्ष 2021 में संक्रमण दर की तुलना करें तो यह महज एक चौथाई ही रह गई है।

संयुक्त निदेशक और राज्य कार्यक्रम अधिकारी मलेरिया डॉ. एके यादव ने बताया कि वर्ष 2030 तक प्रदेश को मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य है। इसके लिए वर्ष 2027 तक प्रदेश के सभी जनपदों में मलेरिया के केस शून्य करने होंगे। इसके बाद तीन साल तक लगातार केस शून्य रहने पर ही प्रदेश को मलेरिया मुक्त घोषित किया जा सकेगा। इसकी शुरुआत हो गई है और पिछले साल 36 जिलों में मलेरिया का एक भी केस नहीं था, जबकि 34 जनपद में 25 से भी कम केस आए। इसमें आशा और एएनएम की बड़ी भूमिका है। अब इसकी एंटीजन किट से आशा और एएनएम घर घर-जाकर टेस्टिंग कर रही हैं।

डॉ. यादव के अनुसार पहले लोग दवा खाने के बाद लक्षण हल्के होने पर दवा छोड़ देते थे। ऐसे में मलेरिया का प्लास्मोडियम बना रहता था। जब उन्हें एनाफ्लीज मच्छर काटता था तो वो संक्रमण दूसरों तक ले जाता था। हमने इसी चेन को ब्रेक करने के लिए टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रेसिंग(ट्रिपल-टी) फॉर्म्युले बनाया। इसमें पहले ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की। इसके बाद जो संक्रमित आए उनका ट्रीटमेंट किया। इसकी चेन तोड़ने के लिए ट्रैकिंग शुरू की यानी मरीज का फॉलोअप। आशा और एएनएम ने घर जाकर चेकअप किया। ऐसे में जो दवा छोड़ मलेरिया के कैरियर बनने वालों पर लगाम सकी जा सकी। स्वास्थ्य विभाग ने दिमागी मलेरिया पर विशेष नियंत्रण पाया है, जिससे अब सामान्य मलेरिया के मरीज ही सामने आ रहे हैं जो आसानी से ठीक हो जाते हैं। लखनऊ की बात करें तो पांच साल से दिमागी मलेरिया का एक भी मरीज चिन्हित नहीं हुआ है।

मलेरिया के केस
साल/ लखनऊ (केस)/ उत्तर प्रदेश (केस)
2018/ 168/ 86486
2019/ 146/ 92732
2020/ 25/ 28668
2021/ 34/ 10792