Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

एटा: चालीसा बाग गांव में ग्रामीणों ने देखा बाघ, इलाके में दहशत, तलाश में जुटी वन विभाग की टीम

Default Featured Image

सार
एटा के शीतलपुर ब्लॉक क्षेत्र में एक बार फिर बाघ को लेकर दहशत है। इस बार चालीसा बाग गांव में बाघ देखा गया है। यह गांव नगला समल से ढाई किमी दूर है। नगला समल में छह मार्च को बाघिन घुस आई थी। 

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

एटा के शीतलपुर विकासखंड क्षेत्र के गांव चालीसा बाग में लोगों को शनिवार शाम एक बाघ दिखाई दिया, जो कुछ पलों में कहीं चला गया। इसे लेकर गांव के लोगों में दहशत है। 6 मार्च को इससे करीब ढाई किमी दूरी पर स्थित गांव नगला समल में एक बाघिन पकड़ी गई थी। इस बाघिन ने हमला कर दो ग्रामीणों को घायल कर दिया था। 

यह गांव जिरसमी नहर पटरी के किनारे बसा हुआ है। गांव के चारों ओर आम के बाग हैं। इस समय आम की देखभाल के लिए लोग बागों में जुटे हुए हैं। कुछ लोग शनिवार शाम के समय बाग में गए तो उन्हें बाघ नजर आया। गांव के सुरजीत और विक्रम ने बताया कि आम के फल की इस समय नियमित निगरानी की जा रही है। 

आम के बाग में दिखा था बाघ 

उन्होंने बताया कि शनिवार शाम को भी वो लोग बाग में गए थे। वहां पहले किसी जानवर की हरकत महसूस हुई। हम लोग पेड़ों की आड़ में आ गए। तभी बाघ भागता हुआ नजर आया। जिसे देख हम भयभीत हो गए। चुपके से बाग से निकल आए। इसके बाद बाग में जाने की हिम्मत नहीं पड़ी है। 

बता दें कि गांव नगला समल से चालीसा बाग करीब ढाई किमी की दूरी पर है। वहीं नगला समल में छह मार्च की सुबह बाघिन देखी गई थी। ग्रामीणों की सूचना पर एटा, आगरा, अलीगढ़, मेरठ, इटावा, दिल्ली वन विभाग की टीमें पहुंची थीं। करीब आठ घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर उस पर काबू किया गया और उसे इटावा लाइन सफारी भेज दिया गया। 

ग्रामीणों ने यह कहा

ग्रामीण रामनरेश ने बताया कि शाम से पहले दिन में भी कुछ लोगों ने बाघ देखा था। इससे पूरे गांव के लोग सहमे हुए हैं। यह खूंखार जानवर किसी को भी शिकार बना सकता है। नरेश चंद्र ने कहा कि वन विभाग को जानकारी दी गई है, लेकिन अभी तक बाघ को पकड़ने के लिए प्रयास नहीं किए गए हैं। जबकि बाघ की चहलकदमी लगातार हो रही है। 

कहां से आई बाघिन, नहीं मिल सका सुराग
6 मार्च को जिस बाघिन का नगला समल में रेस्क्यू किया गया था। उसके बारे में अभी तक पता नहीं सका कि वो कहां से आई थी। हालांकि इसकी जानकारी करने के लिए अगले ही दिन बाघिन को लेकर सभी तथ्य, फोटो, फुटप्रिंट के फोटो, माप आदि नेशनल डाटा सेंटर को भिजवाए गए थे, लेकिन अभी तक वहां से रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। जिससे पता लगता कि बाघिन कहां से आई।

डीएफओ दिवाकर वशिष्ठ ने बताया कि गांव में बाघ देखे जाने की सूचना मिली है। इस पर एक टीम को सक्रिय कर गश्त कराई जा रही है। अभी कहीं पंजों आदि के निशान नहीं मिले हैं, जिसके आधार पर पुष्टि हो सके। लगातार नजर रखी जा रही है। यह भी हो सकता है कि तेंदुआ, लकड़बग्घा आदि जानवर हो।

विस्तार

एटा के शीतलपुर विकासखंड क्षेत्र के गांव चालीसा बाग में लोगों को शनिवार शाम एक बाघ दिखाई दिया, जो कुछ पलों में कहीं चला गया। इसे लेकर गांव के लोगों में दहशत है। 6 मार्च को इससे करीब ढाई किमी दूरी पर स्थित गांव नगला समल में एक बाघिन पकड़ी गई थी। इस बाघिन ने हमला कर दो ग्रामीणों को घायल कर दिया था। 

यह गांव जिरसमी नहर पटरी के किनारे बसा हुआ है। गांव के चारों ओर आम के बाग हैं। इस समय आम की देखभाल के लिए लोग बागों में जुटे हुए हैं। कुछ लोग शनिवार शाम के समय बाग में गए तो उन्हें बाघ नजर आया। गांव के सुरजीत और विक्रम ने बताया कि आम के फल की इस समय नियमित निगरानी की जा रही है। 

आम के बाग में दिखा था बाघ 

उन्होंने बताया कि शनिवार शाम को भी वो लोग बाग में गए थे। वहां पहले किसी जानवर की हरकत महसूस हुई। हम लोग पेड़ों की आड़ में आ गए। तभी बाघ भागता हुआ नजर आया। जिसे देख हम भयभीत हो गए। चुपके से बाग से निकल आए। इसके बाद बाग में जाने की हिम्मत नहीं पड़ी है।