Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

यूपी एसटीएफ ने 4 करोड़ 28 लाख कीमत की 86 किलो चरस के साथ 3 तस्करों को दबोचा, नेपाल से आ रही थी खेप

कानपुर: यूपी एसटीएफ के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। एसटीएफ ने 85 किलो 600 ग्राम चरस के साथ तीन तस्करों को दबोचा है। इंटरनेशनल मार्केट में चरस की कीमर 04 करोड़ 28 लाख रुपए बताई जा रही है। तस्कर नेपाल से पिकअप की चेचिस के पास दो गोपनीय कैविटी में छिपा कर ला रहे थे। चरस तस्कर नेपाल के रास्ते बिहार, गोरखपुर, लखनऊ होते हुए, कानपुर पहुंचे थे। मुखबिर की सूचना पर यूपी एसटीएफ ने पिकअप समेत तीन तस्करों को अरेस्ट किया है। कानपुर से चरस आसपास के जिलों में भेजी जानी थी।

यूपी एसटीएफ को जानकारी मिल रही थी कि नेपाल बार्डर पर मादक पदार्थों की तस्करी वाला गिरोह दोबारा सक्रिय हो गया है। एसटीएफ को मुखबिर के माध्यम से सूचना मिली थी कि तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्य चरस की खेप पिकअप से कानपुर के लिए भेज रहे हैं। यूपी एसटीएफ ने बर्रा थाना क्षेत्र स्थिति राम गोपाल चौराहे के पास जाल बिछाकर पिकअप समेत तीनों तस्करों को दबोच लिया।

शैलेंद्र औरैया में करता है तस्करी
तस्करों से पूछताछ में पता चला कि रोशन पटेल के पिता संतोष पटेल नेपाल बार्डर स्थित रक्सौल के रहने वाले हैं। रोशन और उसके पिता संतोष लंबे समय से मादक पदार्थों की तस्करी का काम कर रहे हैं, संतोष नेपाल जेल में बंद है। रोशन और संतोष के संबंध औरैया जिले में रहने वाले शैलेंद्र कुमार सोनी से थे। शैलेंद्र सोनी औरैया और उसके आसपास के जिलों में मादक पदार्थों की तस्करी करने का काम करता है।

6 लाख दिए थे एडवांस
संतोष की पत्नी बबिता बेटे रोशन के साथ कुछ दिन पहले शैलेंद्र सोनी से मिलने के लिए औरैया गई थी। शैलेंद्र और बबिता के बीच चरस मंगाने को लेकर डील हुई थी। शैलेंद्र और उसके साथियों ने बबिता को 6 लाख रुपए एडवांस दिए थे। बबिता वापस लौट गई थी, और रोशन औरैया में शैलेंद्र के पास ही रुक गया था। शैलेंद्र ने कानपुर देहात के रसूलाबाद निवासी राधेश्याम से सेकेंड हैंड पिकअप खरीदी थी। लेकिन पिकअप ट्रांसफर नहीं हुई थी। नेपाल से चरस की खेप लाने के लिए शैलेंद्र सोनी ने चेचिस के पास दो गोपनीय कैविटी बनवाई थी।

तरबूज लादकर पहुंचे थे सुनौली बार्डर
तस्कर शैलेंद्र सोनी ने पिकअप चलाने के लिए आशीष टक्कर से संपर्क किया था। आशीष कानपुर में ऑटो चलाने का काम करता है। आशीष एक चक्कर के 20 हजार रुपए लेने की बात पर तैयार हुआ था। एसटीएफ की पूछताछ में खुलासा हुआ कि बीते 19 अप्रैल को शैलेंद्र और आशीष टक्कर पिकअप में तरबूज लादकर सुनौली बार्डर पहुंचे थे। तरबूज बेचने के बाद 20 अप्रैल को दोनों नेपाल में काठमांडू के होटल लेकर रुके थे। इसके बाद बीते 23 अप्रैल को शैलेंद्र और आशीष नेपाली तस्करों से चरस लोड कराने के लिए पहाड़ों पर गए थे।

एक कुतंल चरस का हुआ था सौदा
चरस तस्कर शैलेंद्र की एक कुंतल चरस लाने की बात हुई थी। लेकिन पिकअप की कैविटी छोटी पड़ गई थी। जिसकी वजह से 85 किलो 600 ग्राम चरस गोपनीय कैविटी में रखी जा सकी। दोनों ही तस्कर नेपाल बार्डर से बिहार, मुज्जफरपुर, गोरखपुर, लखनऊ होते हुए कानपुर पहुंचे थे। जहां तीनों को एसटीएफ ने दबोच लिया।