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Lucknow News: स्मारक समिति कर्मियों के पीएफ से 10 करोड़ के गबन के आरोप में निजी कंपनी का निदेशक गिरफ्तार, जानिए क्या है पूरा मामला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पीएफ घोटाला (Smarak Samiti PF Scam) मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। स्मारक समिति की कर्मचारी भविष्य निधि में 10 करोड़ के गबन के मामले में गोमतीनगर पुलिस (Gomtinagar Police) ने मंगलवार को एक और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित मंगलेश सिंह राइट-पे सर्विसेज कंपनी का डायरेक्टर है। वह हरियाणा के करनाल का रहने वाला है। इस मामले में गोमतीनगर पुलिस सात लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जानकारी के मुताबिक, स्मारक समिति के लेखाधिकारी संजय सिंह ने एलडीए के दलाल शैलेंद्र उर्फ शैलू को कर्मचारियों के 276 करोड़ रुपये बैंक एफडी में निवेश करवाने के लिए कहा था। इस पर शैलेंद्र ने अपने साथी संदीप पी और मुकेश पांडेय उर्फ रविकांत को इसके बारे में जानकारी दी।

एडीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी ने बताया कि संदीप पी ने मुकेश और दीपक यादव के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा की रोशनाबाद शाखा के प्रबंधक नागेंद्र पाल से मुलाकात कर एफडी के बारे में बात की। इसके बाद संदीप पी ने दीपक, शैलेंद्र, संजय सिंह, रविकांत उर्फ मुकेश, आकाश कार्तिकेय और कृष्णमोहन श्रीवास्तव उर्फ निक्कू के साथ मिलकर साजिश के तहत स्मारक समिति के 48 करोड़ रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा रोशनाबाद में सेविंग खाता खोलकर एफडी के लिए जमा कर दिए।

इसके बाद आरोपितों ने इस खाते से पैसे राइट-पे सर्विसेज के खाते में ट्रांसफर किए और 38 करोड़ की एफडी करवाई। इसके साथ 10 करोड़ रुपये राइट-पे सर्विसेज के खाते में ही रोककर हड़प लिए। इस मामले में गोमतीनगर पुलिस संदीप, दीपक, शैलेंद्र, संजय सिंह, रविकांत, आकाश, और कृष्ण मोहन को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। मामले की जांच कर रहे एसआई धनंजय सिंह ने बताया कि जांच में और लोगों के नाम भी सामने आए हैं। साक्ष्य जुटाने के बाद उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।