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भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने के लिए देश और देश के बाहर कई ताकतें सक्रिय हैं। ये ताकतें फेक न्यूज और प्रोपगैंडा के माध्यम से देश में माहौल खराब करने की कोशिश करती रहती हैं। ऐसी ताकतों पर मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक किया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने के आरोप में 16 यूट्यूब न्यूज चैनलों को ब्लॉक कर दिया। इनमें 6 पाकिस्तानी चैनल भी शामिल हैं।

सूचना प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, बैन किए गए 16 यूट्यूब चैनलों के दर्शकों की संख्या 68 करोड़ से अधिक थी। ये यूट्यूब चैनल भारत में दहशत पैदा करने, सांप्रदायिक नफरत भड़काने और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए झूठी, असत्यापित जानकारी फैला रहे थे। इन यूट्यूब न्यूज चैनलों में एक समुदाय को आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है। साथ ही देश की एकता को विभाजित करने वाला कंटेंट दिखाया गया। इन चैनलों पर कोरोना को लेकर भी फेक कंटेंट मौजूद था, वहीं रूस-यूक्रेन जंग जैसे कई मुद्दों पर गलत जानकारी दी गई थी।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय का कहना है कि भविष्य में भी इस तरह की हरकतें देखी गईं या फिर भारत के खिलाफ साजिश रचने का कोई प्रमाण मिला तो ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को ब्लॉक करने के लिए एक्शन लिया जाएगा। सरकार ने चेतावनी दी है कि देश की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। अफवाह व झूठ फैलाने वाले सोशल मीडिया चैनलों पर आगे भी कड़े फैसले लिए जाएंगे।गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में आईटी नियम, 2021 को अधिसूचित किया गया था।

गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में आईटी नियम, 2021 को अधिसूचित किया गया था। इसके बाद इस साल अप्रैल में पहली बार कार्रवाई की गई थी। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि आईटी नियमावली, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 4 अप्रैल, 2022 को 22 यूट्यूब आधारित समाचार चैनलों, तीन ट्विटर अकाउंट, एक फेसबुक अकाउंट और एक न्यूज वेबसाइट को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए थे। इसी तरह 2020 में गलवान झड़प के बाद कई चीनी सोशल मीडिया ऐप्स को भी बैन किया गया था।