Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

National Security Act: यूपी में अफसर को धमकाने पर लगा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, जानिए क्या है NSA और कैसी होती है सजा

मुरादाबाद: रामपुर से सपा विधायक आजम खां (Azam Khan) के करीबी और सपा नेता यूसुफ मलिक (Yusuf Malik News) पर मुरादाबाद जिला प्रशासन ने रासुका (National Security Act) लगा दिया है। यूसुफ मलिक पर आरोप है कि उन्‍होंने मुरादाबाद के अपर नगर आयुक्‍त को धमकी दी थी, साथ ही नगर निगम की महिला अधिकारी के साथ भी बदसलूकी की थी। बहरहाल, अधिकारी को धमकाने पर रासुका लगाए जाने के बाद एक बार फिर एनएसए लगाने के तरीके को लेकर एक बार फिर नई बहस को छेड़ दिया है। आइए हम आपको बताते है इस बेहद सख्त कानून के बारे में और इसमें किस तरह के सजा का प्रावधान (Provisions Of National Security Act) हैं? इसके साथ ही नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (National Security Act) कब लगाया जाता है..

पहले पूरा मामला जान लीजिए
यूसुफ मलिक के दामाद डेनिल पर 23 लाख रुपये बकाया होने पर मुरादाबाद नगर निगम की टीम ने कुछ दिन पहले उनका मकान सील कर दिया था। आरोप है कि इस कार्रवाई से खफा सपा नेता यूसुफ मलिक ने मुरादाबाद नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह को फोन कर सील खोलने से इनकार करने पर 26 मार्च को उनके दफ्तर में जाकर धमकी दी थी।

Yusuf Malik News: कौन हैं यूसुफ मलिक, जिन पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने लगा दिया है NSA
‘तब से गैंगस्टर हूं जब पायजामे का नाड़ा बांधना नहीं आता था’
उन पर आरोप है कि उन्‍होंने नगर निगम की महिला अधिकारी दीपशिखा पांडेय से भी बदसलूकी की थी। अपर नगर आयुक्त के मुताबिक यूसुफ ने कहा था- तुम मुझे नहीं जानते। मैं 20 साल पुराना गैंगस्टर हूं, कई हत्या कर चुका हूं। मैं आजम खां का राइट हैंड हूं और उस समय से गैंगस्टर हूं जब से मैं पायजामे का नाड़ा बांधना नहीं जानता था। यदि तुमने मेरे दामाद की कोठी की सील नहीं खोली तो मैं तुम्हारी सरकारी कोठी को सील कर दूंगा और तुम्हारी हत्या कर दूंगा।’

Azam Khan: आजम खान का राइट हैंड हूं, तब से गैंगस्टर हूं जब पायजामे का नाड़ा बांधना नहीं आता था… अफसर को धमकी देने वाले सपा नेता पर रासुका
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून?
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) एक ऐसा कानून है जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति से कोई खास खतरा सामने आता है तो उस व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। 1980 में देश की सुरक्षा के लिहाज से सरकार को ज्यादा शक्ति देने के उद्देश्य से बनाया गया था। यह एक्ट सरकार को शक्ति प्रदान करता है कि यदि उसे लगे कि किसी को देशहित में गिरफ्तार करने के की आवश्यकता है तो उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है। संक्षेप में कहा जाए तो यह एक्ट किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।

नैशनल सिक्युरिटी एक्ट या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत किसी खास खतरे के चलते व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है। अगर प्रशासन को लगता है कि किसी शख्स की वजह से देश की सुरक्षा और सद्भाव को खतरा हो सकता है तो उस पर एनएसए लगाया जाता है।

-NSA

एनएसए (NSA) के तहत कितनी सजा?
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अनुसार संदिग्ध व्यक्ति को 3 महीने के लिए बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है और इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। इसके साथ ही हिरासत में रखने के लिए आरोप तय करने की भी जरूरत नहीं होती और हिरासत की समयावधि को 12 महीने तक किया जा सकता है। साथ ही हिरासत में लिया गया व्यक्ति हाईकोर्ट के एडवाइजरी के सामने अपील कर सकता है और राज्य सरकार को यह बताना होता है कि इस व्यक्ति को हिरासत में रखा गया है।

बीजेपी के संपर्क में हूं तो अखिलेश मुझे दल से निकालते क्यों नहींः शिवपाल यादव