वाराणसी :हिजाब, अज़ान, हनुमान चालीसा, और लाउडस्पीकर के बाद अब सियासत में इफ्तार पर बवाल की दस्तक सुनाई दे रही है। आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय में एक इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। बीएचयू के अधिकारिक निमंत्रण पत्र में परंपरागत तरीके से इफ्तार पार्टी के मनाने की बात कही गई।
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शाम 6:00 बजे इस इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था। जिसमें कुलपति समेत विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए थे। जैसे ही यह खबर विश्वविद्यालय के छात्रों को लगी इस पर बवाल मचना शुरू हो गया। छात्रों ने इस बात पर अपना प्रतिरोध दर्ज करते हुए कुलपति आवास के बाहर कुलपति सुधीर जैन का पुतला फूंक दिया। छात्रों ने आगे भी इसी मुद्दे पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
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इफ्तार करना हो तो जाए एएमयू, जामिया
जैसे ही इफ्तार पार्टी की तस्वीर छात्रों के बीच पहुंची, छात्र आक्रोशित हो गए। छात्रों का एक गुट कुलपति आवास के बाहर पुतला दहन करने पहुंच गया। पुतला दहन करते हुए छात्र नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन करने वाले छात्र शुभम ने कहा की पूर्व वीसी गिरीश चंद त्रिपाठी ने अपने कार्यकाल में नवरात्रि के समय फलाहार की परंपरा शुरू की थी। लेकिन उस परंपरा को खत्म करके इफ्तार की नई परंपरा शुरू की जा रही है, जो कि अस्वीकार्य है। अगर कुलपति महोदय को इफ्तार करना है तो वह एएमयू या जामिया जा सकते हैं यहां उनकी आवश्यकता नहीं है।
वीसी जानते थे कि होगा विरोध इसलिए महिला महाविद्यालय में कराया आयोजन
बीएचयू के शोध छात्र आशीर्वाद दुबे और पतंजलि पांडे ने भी एक स्वर में कहा कि आज तक कभी भी इस तरह से इफ्तार पार्टी का आयोजन काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नहीं हुआ है। इसलिए इस बार इस आयोजन के लिए महिला महाविद्यालय को चुना गया ताकि छात्र विरोध करने महिला महाविद्यालय में न जा सकें। यह एक गलत परंपरा डाली जा रही है जिसका छात्र विरोध करेंगे। आगे इस मुद्दे पर आंदोलन तय है।
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