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Noida News: फटाफट लोन लेना पड़ गया भारी! 1200 के कर्ज का 50 हजार चुकाया…समझिए पूरा माजरा

नोएडा: सेक्टर 56 निवासी विशाल के बैंक अकाउंट में पिछले कई दिनों से हजार से 3 हजार रुपये तक जमा हो रहे हैं। साथ ही धमकी भरे फोन आ रहे हैं। फोन करने वाले कह रहे हैं कि तुमने ऐप से लोन लिया है उसे नहीं चुका रहे हो। उनके परिचितों को पास विशाल की फोटो के साथ मेसेज भेजकर कहा जा रहा है कि उसे लोन चुकाने को कहें। कुछ ठग पुलिसवाला बनकर जेल भेजने की धमकी देरहे हैं। इन सभी बातों से विशाल इतना परेशान हो चुका है कि शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों के सामने पहुंचकर रोने लगा। पुलिस ने पड़ताल करवाई तो ऐप से टॉर्चर की पूरी कहानी सामने आई।

अप्रैल में विशाल ने सोशल मीडिया पर एक फटाफट लोन ऐप का प्रचार देखकर डाउनलोड कर लिया। मजाक-मजाक में पैन कार्ड लगाकर 1200 रुपये का लोन भी अप्लाई कर दिया। कुछ देर में 1000 रुपये के करीब अकाउंट में आ गए। उसी दिन वह 1 हजार रुपये विशाल ने वापस कर दिए। 200 रुपये जो प्रोसेसिंग फीस कटी थी उस पर 7 दिन बाद 2 हजार रुपये की पेनल्टी ऐप वालों ने लगा दी। सेटल करवाने का तरीका बताया कि दूसरा ऐप डाउनलोड करो रुपये मिल जाएंगे उससे ट्रांसफर कर दो। विशाल उनकी बातों में आकर ऐसा कर बैठा। उसके अकाउंट में दूसरे ऐप से 2 हजार रुपये आ गए। वह रुपये पहले ऐप में जमा किए।

पीड़ित की शिकायत को संज्ञान में है। यह कोई ठगों का गैंग जैसा लग रहा है। लोगों को सलाह है कि ऐसे ऐप से बचें। सोशल मीडिया पर किसी भी बहकावे में न आएं।

– रणविजय सिंह, एडीसीपी, नोएडा

पहले ऐप के 300 रुपये बाकी दिखाकर उस पर फिर ब्याज लगाया इधर नया ऐप जो डाउनलोड किया था उन्होंने भी 10 दिन बाद 1500 रुपये का ब्याज बकाया है ये कहकर तगादा शुरू कर दिया। इसके बाद नया ऐप डाउनलोड करवाया। इसी दौरान किसी एक ऐप से मोबाइल हैक कर लिया गया। अब तक 10-12 लोन ऐप डाउनलोड किए जा चुके हैं उन ऐप पर विशाल के बगैर आवेदन के लोन क्रेडिट हो रहा है। बाकी कई ऐप वाले पर्सनल डेटा जो निकाल चुके हैं उसको वायरल करने की धमकी, फोन पर गाली देकर 50 हजार रुपये तक अलग-अलग जमा करवा चुके हैं। इसके बाद भी विशाल शुक्रवार 15 ऐप पर कर्जदार बना हुआ है। पीड़ित ने एडीसीपी नोएडा और सेक्टर-58 थाने में शिकायत दी है। इस पर पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है।

सभी ऐप हटा दिए पर नहीं छूटा पीछा
विशाल ने बताया कि वह मूलरूप से मुंबई के हैं। यहां नौकरी करते हैं। शुरुआत में 4-5 ऐप तक यह समस्या पहुंचने पर उसने सभी मोबाइल से हटा दिए। इसके बाद में अपने आप ऐप डाउनलोड होते गए। बताया कि उसका मोबाइल इन ऐप वालों ने हैक किया हुआ है। अपनी मर्जी से लोन अप्लाई कर रहे हैं। कुछ भुगतान भी बगैर उसकी मर्जी से हुए हैं। अब तक वह 50 हजार रुपये इन ऐप का कर्ज उतारने में जमा कर चुके हैं फिर भी 15 पर उधार अभी बना है।

पुलिस ने अकाउंट फ्रीज करवाया
शिकायत पहुंचने पर पुलिस ने प्रारंभिक जांच में रेकॉर्ड विशाल से सेव करवाया। बैंक से अकाउंट फ्रीज करवाने की सलाह दी। इस पर विशाल ने गुरुवार को अपना अकाउंट फ्रीज करवा दिया है।

फटाफट लोन ऐप्स के नाम पर एक्सटॉर्शन रैकेट चल रहे हैं। इनमें कई अनअथॉराइज्ड ऐप हैं, जो डाउनलोउड होते ही मोबाइल हैक कर लेते हैं। लोन की जरूरत है तो बैंक जाएं

रक्षित टंडन, साइबर, एक्सपर्ट

ऐसे फंसाते हैं लोन ऐप चलाने वाले
प्ले स्टोर से ऐसे ऐप डाउनलोड करने पर ये शर्त स्वीकार करवा ली जाती है कि आपकी पर्सनल डिटेल (गैलरी, कॉन्टैक्ट लिस्ट) शेयर करें। इससे सारी जानकारियां जो मोबाइल में होती हैं उनको ऐप चलाने वाले कॉपी कर लेते हैं। इनका उपयोग आगे ब्लैकमेल करने और दबाव बनाने के लिए किया जाता है। ऐसे अधिकतर ऐप 30 से 35 प्रतिशत ब्याज सालाना लगाते हैं। ड्यू डेट पर लिए गए लोन का भुगतान करने पर ये ऐप 3 से लेकर 5 हजार तक की पेनल्टी भी लगाने लगते हैं।

विज्ञापनों में लुभावने वादे
सोशल मीडिया के विभिन्न प्लैटफॉर्म पर लोन ऐप का प्रचार लिंक के साथ किया जाता है। वहां लुभावने वादे किए जाते हैं कि कुछ मिनट में 1 से 50 हजार रुपये तक का लोन बिना किसी फॉर्मेलिटी के आपको तुरंत मिल जाएगी।

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