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आगरा: डंडा रखने वाले होमगार्ड चलाएंगे ‘इंसास और थ्री नॉट थ्री’ राइफल, एक से 30 मई तक होगा शस्त्र प्रशिक्षण

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सार
आगरा और अलीगढ़ मंडल के 100 होमगार्डों का चयन किया गया है। इनको मंडलीय प्रशिक्षण केंद्र में एक से 30 मई तक अग्रिम शस्त्र प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

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पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी ड्यूटी करने वाले होमगार्ड भी अब हथियार चलाने में पारंगत होंगे। आगरा और अलीगढ़ मंडल के सौ होमगार्डों का चयन अग्रिम शस्त्र प्रशिक्षण के लिए हुआ है। इनको मंडलीय प्रशिक्षण केंद्र में इंसास और थ्री नॉट थ्री राइफल खोलना व चलाना सिखाया जाएगा। 

आगरा में होमगार्डों की संख्या 2473 है। इनमें से लगभग 1850 पुलिस और प्रशासनिक ड्यूटी में लगे हैं। होमगार्ड की भर्ती शहर और ग्रामीण क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग होती है। इनको प्रशिक्षण दिया जाता है। इनमें महिला होमगार्ड को भी 47 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। 

शासन के आदेश पर हर साल होमगार्ड को शस्त्र ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इस बार यह प्रशिक्षण एक मई से शुरू हो रहा है। यह 30 मई तक चलेगा। जिन होमगार्ड के पास शस्त्र नहीं होता है, वह अपने पास डंडा ही रखते हैं। प्रशिक्षण लेने वालों को शस्त्र ड्यूटी में लगाया जाता

साल में एक या दो बार मिलता है प्रशिक्षण 
होमगार्ड को थाने, शस्त्रागार, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शस्त्र ड्यूटी में भी लगाया जाता है। शस्त्र प्रशिक्षित होमगार्ड को ही दिए जाते हैं। हर साल एक या दो बार मुख्यालय के आदेश पर प्रशिक्षण होता है। इसमें शस्त्र की जानकारी, खोलने, पुर्जे और चलाने की जानकारी दी जाती है। पहले जानकारी दी जाती है। इसके बाद फायरिंग रेंज में भी फायरिंग के लिए ले जाते हैं। इसके लिए पीएसी और सेना की फायरिंग रेंज का इस्तेमाल किया जाता है। आगरा और अलीगढ़ मंडल के आठ जिलों के सौ होमगार्ड का चयन किया गया है। – एके मिश्रा, मंडलीय कमांडेंट होमगार्ड, प्रशिक्षण केंद्र
यह हैं नियम
अग्रिम शस्त्र प्रशिक्षण में प्रत्येक कंपनी से कम उम्र के होमगार्ड का सर्वप्रथम चयन किया जाता है। नवनियुक्त होमगार्ड, जिन्होंने शस्त्र प्रशिक्षण नहीं किया हो, उनको इस प्रशिक्षण के लिए नामित किया जाता है।
जिन होमगार्ड्स ने पूर्व में शस्त्र प्रशिक्षण की ट्रेनिंग प्राप्त कर ली हो। उनको दोबारा न भेजकर, जिन्होंने शस्त्र प्रशिक्षण न प्राप्त किए हों, उन्हें ही नामित किया जाता है।
प्रशिक्षणार्थियों को भेजने से पहले देखा जाता है कि वो पूरी तरह से स्वस्थ हों। उनका कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं होने चाहिए। इसके लिए मेडिकल प्रशिक्षण की रिपोर्ट आवश्यक है।
जिलेवार चयनित होमगार्ड

आगरा : 19
मथुरा : 13
फिरोजाबाद : 12
मैनपुरी : 12
अलीगढ़ : 16
हाथरस : 09
एटा : 10
कासगंज : 09

…तो होमगार्ड भी नहीं प्रयोग में लेंगे थ्री नॉट थ्री

पुलिस विभाग में थ्री नॉट थ्री राइफल प्रयोग में बंद हो गई हैं। जनवरी 2020 में इसे विदा कर दिया गया था। मगर, होमगार्ड को राइफल दी जा रही है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इसे होमगार्ड विभाग भी जल्द प्रयोग करना बंद कर देगा।

विस्तार

पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी ड्यूटी करने वाले होमगार्ड भी अब हथियार चलाने में पारंगत होंगे। आगरा और अलीगढ़ मंडल के सौ होमगार्डों का चयन अग्रिम शस्त्र प्रशिक्षण के लिए हुआ है। इनको मंडलीय प्रशिक्षण केंद्र में इंसास और थ्री नॉट थ्री राइफल खोलना व चलाना सिखाया जाएगा। 

आगरा में होमगार्डों की संख्या 2473 है। इनमें से लगभग 1850 पुलिस और प्रशासनिक ड्यूटी में लगे हैं। होमगार्ड की भर्ती शहर और ग्रामीण क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग होती है। इनको प्रशिक्षण दिया जाता है। इनमें महिला होमगार्ड को भी 47 दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। 

शासन के आदेश पर हर साल होमगार्ड को शस्त्र ड्यूटी के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इस बार यह प्रशिक्षण एक मई से शुरू हो रहा है। यह 30 मई तक चलेगा। जिन होमगार्ड के पास शस्त्र नहीं होता है, वह अपने पास डंडा ही रखते हैं। प्रशिक्षण लेने वालों को शस्त्र ड्यूटी में लगाया जाता