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विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने किया रिमोट सेंसिंग सेन्टर का निरीक्षण

प्रदेश के उच्च शिक्षा, विज्ञान प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने शुक्रवार को राजधानी के जानकीपुरम स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेन्टर का निरीक्षण किया तथा विभाग के वैज्ञानिकों अधिकारियों एवं कर्मचारियों से संवाद स्थापित कर विभाग व केन्द्र की कार्य प्रणाली को समझा।
इस अवसर पर श्री योगेन्द्र उपाध्याय जी ने वैज्ञानिकों से अपील की कि वे आधुनिक विज्ञान की विधा से प्राप्त महत्वपूर्ण जानकारियों का उपयोग प्रदेश के विकास के लिए करें, श्री उपाध्याय ने आगे कहा कि आधुनिक रिमोट सेंसिंग तकनीक प्रदेश के विकास का एक सशक्त साधन बने तथा प्रदेश के विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की प्लानिंग तथा मॉनीटरिंग में रिमोट सेंसिंग तकनीक का अधिकाधिक प्रयोग किया जाये, जिससे प्रदेश के सतत विकास को गति मिल सके। श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने इस वैज्ञानिक केन्द्र के समस्त तकनीकी कार्यकलापों की विस्तृत जानकारी वैज्ञानिकों के साथ समीक्षा बैठक में प्राप्त की तथा निर्देश दिये कि किसानों की आमदनी बढ़ाने हेतु तथा प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीकों से प्रयोग, उपयोग तथा सहयोग दिया जाये।
मंत्री जी द्वारा इस केन्द्र की आधुनिक कम्प्यूटर प्रयोगशालाओं तथा लेजर तकनीक आधारित मोबाइल लिडार एवं नाव पर लगाये गये बैथिमेट्री उपकरण का भी निरीक्षण किया गया तथा वैज्ञानिकों से इसके उपयोग के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी।
रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन्स सेन्टर की प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष श्री सुधाकर त्रिपाठी ने वैज्ञानिक केन्द्र के क्रियाकलापों, महत्वाकांक्षी परियोजनाओं तथा प्रदेश एवं देश के विभिन्न विभागों के लिए इस वैज्ञानिक केन्द्र द्वारा किये जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री आलोक कुमार ने अपने सम्बोधन में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित विकास योजनाओं को गति प्रदान करने हेतु रिमोट सेंसिंग तकनीक के माध्यम से अधिकाधिक कार्य किये जाने पर बल दिया। कार्यक्रम को श्री वेदपति मिश्रा, विशेष सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन्स सेन्टर के कार्यवाहक निदेशक डा0 फूल कुँवर तथा केन्द्र के समस्त वैज्ञानिक तथा कार्मिक उपस्थित थे।