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विश्वविद्यालय: एमए, एमएससी व एमकॉम के होंगे चार सेमेस्टर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप कराई जाएगी पढ़ाई

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सार
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन संबद्ध कॉलेजों के स्नातक पाठ्यक्रम बीए, बीएससी व बीकॉम में सत्र 2021-22 से ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू कर चुका है। अब सत्र 2022-23 से विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर के संस्थानों व विभागों में स्नातक और परास्नातक स्तर पर एक साथ एनईपी के तहत पढ़ाई कराई जाएगी।

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों और आवासीय परिसर के संस्थानों व विभागों में परास्नातक के एमए, एमएससी और एमकॉम पाठ्यक्रमों की पढ़ाई शैक्षणिक सत्र 2022-23 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप होगी। परास्नातक के प्रत्येक पाठ्यक्रम के चार सेमेस्टर होंगे और ये 100 क्रेडिट के होंगे। सेमेस्टर व्यवस्था पहली बार लागू की गई है। पढ़ाई के घंटों के आधार पर क्रेडिट स्कोर होगा। 

15 घंटे की पढ़ाई पर एक क्रेडिट स्कोर होगा। शासन स्तर से थ्योरी, प्रैक्टिकल, मेजर व माइनर विषय का ढांचागत स्वरूप निर्धारित कर दिया गया है, उसी के अनुरूप एमए, एमएससी व एमकॉम के विषयों का निर्धारण करना है। निर्धारित मानकों के अनुरूप विषयों का ढांचा तैयार किए जाने के लिए बुधवार को विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्यों की बैठक बुलाई गई।

इन पाठ्यक्रमों को नहीं किया गया शामिल 

विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रो. संजीव कुमार सिंह ने जानकारी दी कि अभी परास्नातक के एमए, एमएससी व एमकॉम पाठ्यक्रमों को ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार करके पढ़ाया जाना है। एमएससी कृषि, एमएड व अन्य को नहीं शामिल किया गया है। 

उन्होंने बताया कि संबद्ध कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रमों का निर्धारण शासन स्तर से किया गया था। एमए, एमएससी व एमकॉम के पाठ्यक्रम को तैयार कराने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों को ही दे दी गई है, शासन ने बस फार्मूला दिया है। प्रो. संजीव कुमार ने लोगों के प्रश्नों के जवाब भी दिए। 
ये जानकारियां दी गईं
– एमए, एमएससी व एमकॉम पाठ्यक्रमों में एकरूपता रहेगी और सभी पाठ्यक्रम चार सेमेस्टर में विभाजित होंगे।
– पाठ्यक्रम कुल 100 क्रेडिट का होगा। क्रेडिट का विभाजन विभिन्न सत्रों के पाठ्यक्रम के अनुरूप किया जाएगा।
– उदाहरण के तौर पर एमए के प्रथम व द्वितीय सत्र में चार-चार कोर प्रश्नपत्र होंगे, जो पांच-पांच क्रेडिट के होंगे।
– प्रथम व द्वितीय सत्र में विद्यार्थी एक-एक शोध परियोजना चार-चार क्रेडिट की तैयार करेगा या फिर द्वितीय सत्र में आठ क्रेडिट की एक संयुक्त शोध परियोजना पूरा करेगा।
– विद्यार्थी को प्रथम व द्वितीय सत्र में से किसी एक सत्र में अन्य संकाय से एक माइनर विषय का चयन करना होगा, जिसका क्रेडिट चार होगा।
– प्रथम और द्वितीय सत्र के कुल क्रेडिट 20+20+8 (4+4)+4 = 52 होंगे।
– तृतीय और चतुर्थ सत्र में पांच-पांच क्रेडिट के चार-चार कोर विषय होंगे।
– तृतीय व चतुर्थ सत्र में विद्यार्थी एक-एक शोध परियोजना चार-चार क्रेडिट की तैयार करेगा या चतुर्थ सत्र में आठ क्रेडिट की एक संयुक्त शोध परियोजना को पूरा करेगा।
– इस प्रकार तृतीय व चतुर्थ सत्र के कुल क्रेडिट 20+20+8 (4+4) = 48 होंगे।
– चारों सत्रों में विभाजित पाठ्यक्रम कुल 100 क्रेडिट का होगा। 

विस्तार

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों और आवासीय परिसर के संस्थानों व विभागों में परास्नातक के एमए, एमएससी और एमकॉम पाठ्यक्रमों की पढ़ाई शैक्षणिक सत्र 2022-23 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप होगी। परास्नातक के प्रत्येक पाठ्यक्रम के चार सेमेस्टर होंगे और ये 100 क्रेडिट के होंगे। सेमेस्टर व्यवस्था पहली बार लागू की गई है। पढ़ाई के घंटों के आधार पर क्रेडिट स्कोर होगा। 

15 घंटे की पढ़ाई पर एक क्रेडिट स्कोर होगा। शासन स्तर से थ्योरी, प्रैक्टिकल, मेजर व माइनर विषय का ढांचागत स्वरूप निर्धारित कर दिया गया है, उसी के अनुरूप एमए, एमएससी व एमकॉम के विषयों का निर्धारण करना है। निर्धारित मानकों के अनुरूप विषयों का ढांचा तैयार किए जाने के लिए बुधवार को विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्यों की बैठक बुलाई गई।

इन पाठ्यक्रमों को नहीं किया गया शामिल 

विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रो. संजीव कुमार सिंह ने जानकारी दी कि अभी परास्नातक के एमए, एमएससी व एमकॉम पाठ्यक्रमों को ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार करके पढ़ाया जाना है। एमएससी कृषि, एमएड व अन्य को नहीं शामिल किया गया है।