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Editorial: आतंकियों की खैर नहीं, खालिस्तानी और उनके पाकिस्तानी आकाओं को मिले सबक

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7-5-2022

 पंजाब में जब खालिस्तान मूवमेंट की शुरुआत हुई थी उस समय देश ,धार्मिक युद्ध में प्रवेश कर गया था। पंजाब में उग्रवाद की जड़ें 80 के दशक में इतनी बढ़ गई थी कि हिन्दू और सिख समुदाय के बीच खूनी झड़प देखने को मिली, जिसमें सैंकड़ो लोगों ने जान गवा दी थी। पंजाब में खालिस्तानियों का प्रभाव आज भी देखने को मिल सकता है और राज्य में आम आदमी पार्टी के आने के बाद से तो उनकी बल्ले-बल्ले हो गई है! हाल ही में हमने पंजाब के पटियाला में खालिस्तानियों को तलवारें लहराते देखा था, हिंदू मंदिर में तोड़-फोड़ मचाते देखा था। किसान आंदोलन में भी खालिस्तानियों की भागीदारी देखने को मिली थी, लाल किला हिंसा और लाल किला परिसर में खालिस्तानी झंडे को पूरे देश ने देखा। हालांकि, खालिस्तानियों पर एक्शन को लेकर केंद्र सरकार जोर शोर से काम कर रही है। वर्तमान परिस्थिति की बात करें तो हरियाणा में, पुलिस ने करनाल में एक विशेष अभियान चलाया और चार खालिस्तानी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है।
 दरअसल, बीते दिन गुरुवार की सुबह पुलिस ने 4 खालिस्तानी आतंकियों को नेशनल हाईवे से गिरफ्तार किया। चारों गिरफ्तार आतंकी इनोवा गाड़ी में हाईवे से गुजर रहे थे। इंटेलिजेंस ब्यूरो (ढ्ढक्च) ने इस बारे में सूचना दी थी। चारों गिरफ्तार आतंकी गुरप्रीत, अमनदीप, परविंदर और भूपेंदर पंजाब के रहने वाले हैं। इनमें तीन फिरोजपुर और एक लुधियाना का है। पुलिस ने आतंकियों के पास से एक देसी पिस्तौल, 31 कारतूस, 1.30 लाख रुपए के करीब कैश, 3 लोहे के कंटेनर बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार, चारों आतंकवादी आतंकी संगठन बब्बर खालसा के हैं और हथियारों की खेप को तेलंगाना के आदिलाबाद ले जा रहे थे। वहीं, आतंकियों से पूछताछ के लिए पंजाब पुलिस समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों की टीम भी पहुंची। सीआईए-1 पुलिस ने गिरफ्तार चारों आतंकियों को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने पुलिस की मांग पर आतंकियों को 10 दिन के रिमांड भेज दिया है।
  बताते चलें कि आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा पंजाब के तरन तारन का है लेकिन वह बाद में महाराष्ट्र के नांदेड़ साहेब शिफ्ट हो गया था। हरविंदर सिंह अभी पाकिस्तान में छिपा है। जांच में पता चला था कि वह फेक पासपोर्ट के जरिए नेपाल होते हुए पाकिस्तान पहुंचा था। रिंदा को सितंबर 2011 में तरन तारन में एक युवक की मौत के मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी। वर्ष 2014 में पटियाला सेंट्रल जेल के अधिकारियों पर उसने हमला किया था। अप्रैल 2016 में चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पर भी रिंदा ने गोलियां चलाई थी। इतना ही नहीं अप्रैल 2017 में रिंदा पर होशियारपुर सरपंच की हत्या का भी आरोप लगा था।
 ध्यान देने वाली बात है कि रिंदा एक स्व-वित्तपोषित आतंकी नेटवर्क चला रहा है और ड्रग्स की बिक्री के साथ, वह हथियारों की आवाजाही के लिए धन मुहैया कराता है। साथ ही वह स्थानीय युवाओं को पैसे का लालच देकर अपने गिरोह में शामिल कराता है। खबरों के मुताबिक करनाल से गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक गुरप्रीत ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि उसे सीमा पार से ड्रोन के जरिए रिंडा के इशारे पर खेप मिली है। गिरफ्तार किए गए आतंकियों ने यह भी बताया कि अप्रैल 2022 में भी वे इस तरह का खेप पहुंचा चुके हैं। हालांकि, पुलिस के हत्थे चढ़े इन आतंकियों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।