Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Sharda University: शारदा यूनिवर्सिटी की परीक्षा में हिंदुत्व को लेकर सवाल पर बवाल, पेपर बनाने वाले सस्पेंड

नोएडाः उत्तर प्रदेश की शारदा यूनिवर्सिटी के एग्जाम पेपर में एक सवाल को लेकर बवाल हो गया है। इसे लेकर यूनिवर्सिटी पर हिंदू विरोधी होने के आरोप लग रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस छिड़ी हुई है। यूनिवर्सिटी ने इस मामले में कार्रवाई भी है। दरअसल, शारदा यूनिवर्सिटी में मिड टर्म एग्जाम चल रहे हैं। शुक्रवार को फर्स्ट ईयर स्टूडेंट्स के बीए पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स (सेमेस्टर-2) एग्जाम में एक ऐसा सवाल पूछा गया, जिसे लेकर बवाल हो गया।

परीक्षा पेपर के तीन सेक्शन A, B और C में कुल 8 सवाल पूछे गए थे। इसमें छठा सवाल ऐसा था जिसे लेकर अब बहस छिड़ गई है। छठे सवाल में स्टूडेंट्स से पूछा गया था कि क्या उन्हें फासीवाद/नाजीवाद और हिंदुत्व के बीच कोई समानता नजर आती है। इस पर अपने तर्क रखें। एग्जाम के बाद शारदा यूनिवर्सिटी का ये क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बीजेपी नेता विकास प्रीतम सिन्हा ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे हिंदू विरोधी बताया। उन्होंने इसका स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए लिखा कि यूनिवर्सिटी का नाम ‘शारदा’.. पर कृत्य देखिए कि परीक्षा में छात्रों को ‘हिन्दुत्व’ को अनिवार्य रूप से फासी और नाजीवाद के समकक्ष सिद्ध करने के लिए कहा जा रहा है। यह प्रश्नपत्र कथित रूप से किसी मुस्लिम शिक्षक द्वारा बनाया गया है।

पेपर बनाने वाली फैकल्टी हुई सस्पेंड
देखते ही देखते मामले ने तूल पकड़ लिया। शारदा यूनिवर्सिटी ने इस सिलसिले में 3 सदस्यीय जांच कमिटी गठित कर दी और साथ ही पेपर बनाने वाली कमिटी को ही सस्पेंड कर दिया। शारदा विश्वविद्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘विश्वविद्यालय को खेद है कि ऐसी घटना हुई है जिसमें सामाजिक कलह को भड़काने की क्षमता हो सकती है। विश्वविद्यालय हर उस विचारधारा के खिलाफ है जो हमारी राष्ट्रीय पहचान और संस्कृति को बिगाड़े। एक उच्च शिक्षा संस्थान के रूप में हम सभ्यता के पुनरुद्धार के बड़े मिशन के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारे धर्म, परंपरा, इतिहास और संस्कृति का सबसे अच्छा उत्सव मनाता है।’ विश्वविद्यालय की कार्रवाई के बाद मामला अभी शांत होता नजर आ रहा है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसकी काफी चर्चा है।