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ज्ञानवापी विवाद : जानिए उन पांच महिलाओं के बारे में, जिनकी मांग पर मस्जिद में हो रहा है सर्वे

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सार
यूं तो इस परिसर को लेकर सालों से विवाद चल रहा है, लेकिन जब कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया तो इस मामले ने ज्यादा तूल पकड़ लिया। ये सर्वे पांच महिलाओं की ओर से दायर याचिका पर हो रही है।

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वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का काम सोमवार को पूरा हो गया। सर्वे खत्म होने के बाद दोनों पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं। एक ओर हिन्दू पक्ष का दावा है कि मस्जिद के वजूखाने में 12.8 फीट व्यास का शिवलिंग मिला है। वहीं, मुस्लिम पक्ष इस तरह की किसी भी चीज के मिलने के दावे को खारिज कर रहा है। बता दें कि वाराणसी कोर्ट के आदेश पर ये सर्वे हो रहा था। किसके दावे में कितनी सच्चाई है इसका पता मंगलवार को चल सकता है, जब सर्वे करने वाली टीम अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी।  

यूं तो इस परिसर को लेकर सालों से विवाद चल रहा है, लेकिन जब कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया तो इस मामले ने ज्यादा तूल पकड़ लिया। ये सर्वे पांच महिलाओं की ओर से दायर याचिका पर हो रही है। वाराणसी की अदालत में याचिका दाखिल करने वाली इन पांच महिलाओं में लक्ष्मी देवी, राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक शामिल हैं। मामले की अगुवाई राखी सिंह कर रही हैं। आइए जानते हैं इन सभी पांच महिलाओं के बारे में सबकुछ…

 

1. राखी सिंह  
दिल्ली के हौज खास की रहने वाली राखी सिंह इस मामले की अगुवाई कर रहीं हैं। इस पूरे मामले को ‘राखी सिंह और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार’ नाम दिया गया है। राखी के पति का नाम इंद्रजीत सिंह है। इनका दूसरा घर लखनऊ के हुसैनगंज में है। 

2. लक्ष्मी देवी 
ज्ञानवापी मामले में दूसरी याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी हैं। लक्ष्मी वाराणसी के महमूरगंज इलाके की रहने वाली हैं। पति डॉक्टर सोहन लाल आर्य ने भी 1996 में ज्ञानवापी को लेकर अदालत में एक मामला दर्ज कराया था। इसके बाद ज्ञानवापी का निरीक्षण भी हुआ था, लेकिन कोई सर्वे नहीं हो सका। लक्ष्मी ने मीडिया को बताया कि पति भी चाहते थे कि मैं इस मामले को उठाऊं। ये मां शृंगार गौरी का मुद्दा है। इसलिए मैंने याचिका दायर की। 

3. सीता साहू
वाराणसी के चेतगंज की रहने वाली सीता साहू इस मामले में तीसरी याचिकाकर्ता हैं। सीता समाज सेविका हैं। पति का नाम बाल गोपाल साहू है। सीता का कहना है, वह कई बार मां शृंगार गौरी की पूजा करने आ चुकी हैं। उनका दावा है कि मां शृंगार गौरी का मंदिर मस्जिद के अंदर बना है, लेकिन हम लोग अंदर नहीं जा सकते। इसकी अनुमति नहीं है। सिर्फ बाहर से पैर छू पाते हैं। हमारी आराध्य देवी का मंदिर मस्जिद के अंदर है। इसे अब कब्जा मुक्त करवाना है। 

4. मंजू व्यास 
ज्ञानवापी मामले में चौथी याचिकाकर्ता मंजू व्यास भी वाराणसी की रहने वाली हैं। यहां उनका राम घाट में घर है। पति का नाम विक्रम व्यास है। मंजू भी समाज सेविका हैं। वह कहती हैं, रोजाना मां शृंगार गौरी के दर्शन की अनुमति होनी चाहिए। अभी हम लोग चौखट के दर्शन करके लौट आते हैं। 

5. रेखा पाठक 
पांचवी याचिकाकर्ता रेखा पाठक भी वाराणसी की रहने वाली हैं। रेखा का घर वाराणसी के हनुमान फाटक के पास है। पति का नाम अतुल कुमार पाठक है। रेखा कहती हैं, ज्ञानवापी हम सभी के आस्था का केंद्र बिंदु है। इसपर कब्जा हुआ है। इसे छुड़ाने तक ये लड़ाई जारी रहेगी। 
 
रेखा बताती हैं कि उनके साथ याचिका दायर करने वाली अन्य महिलाएं उनकी सहेली हैं। सभी की मुलाकात काशी विश्वनाथ में दर्शन के दौरान हुई थी। मंजू बताती हैं, ‘हम पांचों महिलाएं मंदिर में मिलीं और सहेलियां बन गईं। हम सत्संग करते हैं। हम सब ने मिलकर सोचा कि कोई ऐसा काम करें कि मां शृंगार गौरी का मंदिर खुल जाए और रोजाना उनके दर्शन हो सकें। 
 
ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के रोजाना दर्शन पूजन की मांग को लेकर पांच महिलाओं की ओर से दायर वाद पर बीते आठ अप्रैल को सुनवाई हुई। अदालत ने अजय कुमार मिश्र को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर 10 मई तक अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। 

छह मई को कमीशन की ओर से सर्वे शुरू तो हुआ लेकिन पूरा नहीं हो सका। सात मई को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग कर दी। वहीं वादी पक्ष की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद की बैरिकेडिंग के अंदर तहखाने समेत अन्य उल्लिखित स्थलों का निरीक्षण करने का स्पष्ट आदेश देने की अपील की गई इस प्रार्थना पत्र पर तीन दिन तक अदालत में सुनवाई चली। अदालत के आदेश के बाद अब शनिवार से कमीशन ने सर्वे का काम फिर से शुरू किया है।

विस्तार

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का काम सोमवार को पूरा हो गया। सर्वे खत्म होने के बाद दोनों पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं। एक ओर हिन्दू पक्ष का दावा है कि मस्जिद के वजूखाने में 12.8 फीट व्यास का शिवलिंग मिला है। वहीं, मुस्लिम पक्ष इस तरह की किसी भी चीज के मिलने के दावे को खारिज कर रहा है। बता दें कि वाराणसी कोर्ट के आदेश पर ये सर्वे हो रहा था। किसके दावे में कितनी सच्चाई है इसका पता मंगलवार को चल सकता है, जब सर्वे करने वाली टीम अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी।  

यूं तो इस परिसर को लेकर सालों से विवाद चल रहा है, लेकिन जब कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया तो इस मामले ने ज्यादा तूल पकड़ लिया। ये सर्वे पांच महिलाओं की ओर से दायर याचिका पर हो रही है। वाराणसी की अदालत में याचिका दाखिल करने वाली इन पांच महिलाओं में लक्ष्मी देवी, राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक शामिल हैं। मामले की अगुवाई राखी सिंह कर रही हैं। आइए जानते हैं इन सभी पांच महिलाओं के बारे में सबकुछ…