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BKU News: टिकैत बंधुओं को टेंशन देती रहेगी भाकियू अराजनैतिक, जानिए क्या है नए संगठन का वेस्ट यूपी प्लान

भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के रूप में नए संगठन के ऐलान के साथ ही इसके विस्तार की तैयारियां शुरू हो गई हैं। अगले साल प्रयागराज में किसान कुंभ से इसका बिगुल फूंका जाएगा, इससे पहले टिकैत बंधुओं के गढ़ में गांव-गांव संगठन का सदस्यता अभियान चलाने की योजना है। इसी क्रम में वेस्ट यूपी अध्यक्ष का ऐलान भी जल्द होगा।

 

हाइलाइट्सरणनीति के तहत पूरे देश में किसानों के हक में आवाज बुलंद करेगा नया संगठन, सुनो सरकार अभियान और सदस्यता अभियान भी छेड़ेगावेस्ट यूपी से संगठन गठन का श्रीगणेश कर एक सप्ताह में मेरठ और सहारनपुर मंडल की इकाई गठित होगीमेरठ: भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) का नया संगठन टिकैत बंधुओं को टेंशन देती रहेगा। देश भर में जल्द किसानों के हक की आवाज बुलंद करेगा। भाकियू अराजनैतिक सरकार सुनो अभियान छेड़ेगी। पहले सरकारों को किसानों की समस्याओं से मिलकर अवगत कराएगा। यही नहीं जिस प्रदेश की सरकार किसानों की इन समस्याओं को अनदेखी करेगी, उसके यहां बड़ा आंदोलन छेड़ेगा। इसके अलावा जनवरी, 2023 में प्रयागराज में लगने वाले किसान कुंभ से इसका बिगुल फूंका जाएगा। तब तक पूरे देश में संगठन खड़ा कर लिया जाएगा। वेस्ट यूपी के मेरठ और सहारनपुर मंडल से संगठन गठन का श्रीगणेश एक सप्ताह के भीतर कर दिया जाएगा। पश्चिम उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष की नियुक्ति भी जल्द होगी। इसी के साथ किसानों को संगठन से जोड़ने के लिए गांव-गांव सदस्यता अभियान मजबूती से चलेगा।

भारतीय किसान यूनियन से अलग होकर दो दिन पहले लखनऊ में अलग संगठन भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) का गठन किया हैं। इस संगठन का प्लान है कि भाकियू से जुड़े पुराने लोगों को संगठन में शामिल किया जाए। इसके लिए काफी लोगों से संपर्क शुरू कर दिया है। खासकर वेस्ट यूपी पर फोकस किया जा रहा है। ताकि पुराने और किसानों के प्रति समर्पित लोगों को साथ लाकर टिकैत बंधुओं का जोर का झटका धीरे से दिया जा सके। इसके लिए पहले वेस्ट यूपी के मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़ मंडल में नए संगठन के मुख्य पदाधिकारी अपने अपने संपर्क से जुट गए हैं। दावा किया जा रहा है कि जल्द कई बड़े किसान नेता और चेहरे ने संगठन के साथ दिखेंगे। बाबा टिकैत के साथ से भाकियू से जुड़े कुछ लोग भी भाकियू अराजनैतिक का हिस्सा होंगे। नए रणनीति तैयार करने के लिए जल्द सभी सीनियर पदाधिकारी जुटेंगे।
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संगठन बना लेकिन खुद को साबित करने के कम नहीं है चुनौती….
दरअसल, नया संगठन बनाने के बाद भाकियू के प्रभाव वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खुद को साबित करना चुनौती भरा होगा। वैसे नए संगठन के मैदान में उतरने के बाद और दूसरे पदाधिकारियों को तोड़े जाने की आशंका के बीच भाकियू नेता राकेश टिकैत ने डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू कर दी है। राकेश टिकैत भरोसेमंद पदाधिकारियों से सीधी बात कर उनका मन टटोल रहे हैं।
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राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बोले- राकेश टिकैत भटके, महेंद्र टिकैत के आदर्श पर हम करेंगे संघर्ष….
मंगलवार को एनबीटी से नए संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने कहा कि जनवरी 2023 में कुंभ में होने वाले किसान कुंभ में किसान आंदोलन को नई दशा और दिशा के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। बोले- संगठन में सबका स्वागत हैं। सदस्यता अभियान में हर गांव में दस्तक देकर भागीदारी दी जाएगी। नए संगठन का काम सिर्फ और सिर्फ किसानों की बात करना है। आगे कहा कि राकेश टिकैत ने अपने पिता और किसानों के मसीहा महेंद्र सिंह टिकैत के मौत के बाद किसान हित में कोई काम नहीं किया। दिल्ली का किसान आंदोलन सामूहिक था। राकेश टिकैत अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत के आदर्शों को भूल गए हैं। लेकिन हम किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के आदर्शों की लड़ाई भाकियू अराजनैतिक लड़ेगी। मांगेराम त्यागी का कहना है कि बाबा टिकैत की किसान यूनियन के काम से राकेश टिकैत भटक गए हैं। वह किसानों के हित की बात भूलकर ईवीएम की रखवाली करने के काम में लग गए। वह राजनीति में अपना हित देखने लगे। हमारे पिता किसान आंदोलन में शहीद हो गए। हमारी तीसरी पीढ़ी भाकियू से जुड़ी हैं। अब किसानों की आवाज मजबूती से उठेगी।
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टिकैत बुला सकते हैं महापंचायत, वह भी गठवाला खाप के गांव में…
दरअसल नए संगठन का संरक्षक गठवाला खाप के राजेंद्र सिंह को बनाया गया हैं। साथ ही भाकियू में और बिखराव होने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे में टिकैत बंधु असली भाकियू से अपनी ताकत दिखाने के लिए अपने समर्थन में जल्द महापंचायत बुला सकते हैं। टिकैत बंधुओं के करीबियों के मुताबिक इस पर मंथन चल रहा हैं। संभावना जताई जा रही है कि टिकैत बंधु महापंचायत गठवाला खाप के किसी गांव में बुला सकते हैं। ऐसा करने के पीछे मकसद माना जा रहा है कि बड़ी महापंचायत में ताकत दिखाकर नए संगठन से सर्वेसर्वा राजेंद्र सिंह को ही किसानों के सामने कमतर साबित करना होगा। वैसे गठवाला खाप से राजेंद्र सिंह के सामने भी चुनौती है कि वह अपने खाप के थंबेदारों को अपने साथ कैसे खड़ा कर सकते हैं। क्योंकि किसान आंदोलन के दौरान जब टिकैत बंधुओं और गठवाला खाप से बीच विवाद बढ़ा तो तब गठवाला खाप में ही बंटवारा हो गया था। राकेश टिकैत कह चुके हैं कि सरकारों का काम होता है किसान आंदोलन को तोड़ना, फूट डालना या कमजोर करना। हमारा धर्म है किसानों की आवाज को और बुलंद करना। उनके अधिकारों की रक्षा करना। आखिरी सांस तक किसानों की लड़ाई जारी रहेगी।अगला लेखMeerut News: खुद की समिति में पीएम को पदेन सदस्य लिखने वाले धोखेबाज की जमानत खारिज

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