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किसान आंदोलन में डटे रहने वालों को मिलेगा इनाम, BKU सौंपेगी खास पद

मेरठ:भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) में टूट के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Naresh Tikait And Rakesh Tikait) ने वफादारों और जुझारू लोगों को जिम्मेदारी सौंपना तय किया गया है। तीन कृषि कानून वापस (Three Farm Laws Repealed) लेने के लिए दिल्ली बॉर्डर पर किए गए लंबे आंदोलन में डटकर संघर्ष करने वालों को इनाम मिलेगा। ऐसे कार्यकर्ताओं को बीकेयू में जल्द अहम पद दिए जाएंगे। बीकेयू से अलग हुए लोगों की जगह किसान आंदोलन में संघर्ष करने वाले लोगों को पद देने की तैयारी है।

टूट के बाद संगठन मजबूत करने पर जोर
बीकेयू के संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की जयंती (Mahendra Tikait Birth Anniversary) पर हुई टूट के बाद अब संगठन की मजबूती पर जोर दिया जाएगा। करनाल में हुई बीकेयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी टूट पर चर्चा हुई। बीकेयू के नेता राकेश टिकैत समेत दूसरे लोगों ने कहा कि मौकापरस्त लोगों के अलग होने को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। जो लोग बीकेयू से अलग हुए है, उनके अपने स्वार्थ हैं। वह सरकार के प्रभाव में हैं। किसान हित से उनका कोई मतलब नहीं हैं। ऐसे लोगों को किसान कभी माफ नहीं करेंगे। जिस वक्त किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए एकजुटता की जरूरत है, उस वक्त संगठन को कमजोर करने की साजिश की गई। मीटिंग में कहा गया कि अब पूरा ध्यान किसानों हक के लिए छेड़े जाने वाले बड़े आंदोलन पर है। हरिद्वार में 16 जून से तीन दिवसीय चिंतन शिविर में किन किन मुद्दों को शामिल किया जाए, इसको तय करने का जिम्मा अब वर्करों को सौंपा गया है।

‘आंदोलन को कमजोर करने की साजिश से सावधान रहे’
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के खिलाफ हर स्तर पर साजिश हुई हैं। संगठन को तोड़ने की कोशिश करने वालों से हर स्तर पर वर्कर होशियार रहें। वह बरगलाकर साथ मिलाने और किसान की लड़ाई को सरकार के इशारे पर कमजोर करने की भरपूर कोशिश करेंगे। बीकेयू ने हर जिले से सक्रिय वर्करों के नाम मांगे हैं। कौन कौन वर्कर दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन में ज्यादा वक्त देने वालों में शामिल है, ताकि ऐसे जुझारू वर्करों को जल्द सम्मानजनक पद दिए जा सके।

गौरतलब है कि नरेश टिकैत और राकेश टिकैत के पक्ष में वेस्ट यूपी की खापों की एक पंचायत 29 को मुजफ्फरनगर के काकड़ा गांव में बुलाई गई है। पंचायत में एकजुट रहकर किसानों के हक में लड़ाई लड़ने का प्रस्ताव पास होने की उम्मीद है।