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झारखंड : मॉनसून से पहले नालों की सफाई के लिए नगर निकायों में चलेगा 20 दिन का स्पेशल ड्राइव

Ranchi :  मॉनसून से पहले झारखंड के सभी नगर निकायों की छोटी-बड़ी नालियों की सफाई की जाएगी. इसके लिए 20 दिन का स्पेशल ड्राइव चलाया जाएगा. नगर विकास विभाग के सचिव विनय चौबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी निकायों के नगर आयुक्तों और कार्यपालक पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया. सचिव ने बैठक में निकायवार स्वच्छता से जुड़ी योजनाओं के प्रगति के समीक्षा के बाद कहा कि बरसात शुरू होने से पहले नालों की सफाई हो जाने से शहरों में वाटर लॉगिंग की समस्या बहुत हद तक कम हो जाएगी. इसलिए सभी निकाय इसे समय रहते पूरा कर लें. उन्होंने यह भी कहा कि अगर इसके लिए अतिरिक्त मैनपावर और मशीन की जरूरत पड़ती है, तो उसकी भी व्यवस्था करें.

शिकायतों के लिए व्हाट्सएप नंबर जारी करने का निर्देश

सचिव ने 10 जून तक सभी नालों की सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही सभी नगर निकायों को लोगों के बीच व्हाट्सएप नंबर भी जारी करने को कहा. इस व्हाट्सएप नंबर के जरिये लोग जलजमाव की शिकायत दर्ज करा सकेंगे. रिस्पांस टीम बनाकर नागरिकों के साथ समन्वय स्थापित करने का भी निर्देश दिया गया. सफाई से जुड़ी शिकायत के समाधान के लिए स्टैंडबाई टीम भी तैयार रखने को कहा गया है. सचिव ने ठोस अपशिष्ट की समीक्षा करते हुए कहा कि निकायों में सैनेटरी लैंडफील्ड का निर्माण हो और प्लांट के निर्माण में तेजी लाई जाए. उन्होंने स्वच्छता के लिए जरूरी उपकरणों की खरीद का भी निर्देश दिया है.

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15 अगस्त तक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट का निर्माण करें पूरा

सचिव ने गोड्डा, पाकुड़, खूंटी, चिरकुंडा को 15 अगस्त 2022 तक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट (SWM) निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया. वहीं मिहिजाम और मधुपुर नगर निकाय को निर्देश दिया कि वो प्लांट निर्माण के कार्य में गति लाएं. चाईबासा, चक्रधरपुर, सरायकेला, चास एवं जामताड़ा को भूमि प्राप्ति में उत्पन्न बाधा को दूर करने का निर्देश दिया.

निकायों से मांगा गया प्रस्ताव

बैठक में सूडा के डायरेक्टर अमित कुमार ने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट को शुरू करने के लिए Consent to establishment, Consent to Operate  एवं Environmental Clearance  जैसे वैधानिक प्रमाण पत्रों के लिए अतिरिक्त प्रयास की जरूरत है. उन्होंने नगर निकायों से आग्रह किया कि लिगेसी कचरा को हटाने के लिए निकाय प्रस्ताव भेजें, ताकि केंद्र से इसकी स्वीकृति और राशि प्राप्त की जा सके.

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