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Lakhimpur Kheri News: पुलिस को सलाम… आत्महत्या की दहलीज पर पहुंचे प्रेमी जोड़े की थाने में ही करवा दी शादी

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लखीमपुर खीरी: मनोज और आरती (दोनों बदले हुए नाम) के बीच बचपन की दोस्ती थी, जो वक्त के साथ प्यार में बदल गई। बालिग होने पर दोनों आपस में शादी करना चाहते थे लेकिन घरवालों को यह मंजूर नहीं था। बार-बार कोशिश पर भी जब परिजन तैयार नहीं हुए तो इस प्रेमी जोड़े ने अपनी जिंदगी खत्म कर लेने का फैसला किया। लेकिन अब दोनों ने सात फेरे के साथ जिंदगी भर के लिए एक-दूजे को अपना बना लिया है। और इसके लिए वे किसी को शुक्रिया कह रहे हैं, तो वह है पुलिस विभाग।

यह मामला लखीमपुर खीरी के सिंगोही थाने का है। पुलिस को जैसे ही किसी के जरिए यह भनक लगी कि एक प्रेमी जोड़ा आत्महत्या के लिए मन बना चुका है, तो ऐक्शन में आते हुए थाने में ही लाकर फिर शादी की रस्में पूरी करवाई। रविवार को हुए इस काम से पुलिस विभाग ने दो जिंदगियों को खत्म होने से बचा लिया। लड़के और लड़की ने थाना परिसर में ही बने छोटे से मंदिर में शादी का बंधन बांध लिया।

पुलिस ने दोनों की शादी करवाने के साथ ही पैरंट्स को भी इस रिश्ते को मंजूर करने को आश्वस्त किया। पुलिस के अनुसार यह संभव हुआ प्रेमी जोड़े के एक दोस्त की वजह से, जिसने किसी आशंका के मद्देनजर पुलिस तक बात पहुंचाकर अलर्ट कर दिया। उसने बताया, ‘दोनों बहुत ही परेशान थे। परिवार वाले बात तक नहीं कर रहे थे। मुझे एहसास हो गया कि दोनों अपने आप को खत्म कर सकते हैं। इसलिए मैंने पुलिस को सूचना पहुंचाई।’

थाने में बने मंदिर में हुई शादी

वहीं हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में एक पुलिस सब इंस्पेक्टर ने पहचान नहीं जाहिर होने की शर्त पर बताया, ‘लड़का बेरोजगार होने की वजह से परेशान था। उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि मां-बाप से अलग होकर दूसरे घर में रह सकें। लड़की के परिजन उसकी शादी कहीं और करना चाहते थे। हमने उनकी हर संभव मदद की। खुशी इस बात की है कि इस कहानी का दुखद अंत नहीं हुआ।’

वहीं सिंगाही थाने के एसएचओ राजकुमार सरोज ने बताया, ‘लड़की और लड़का दोनों अभी युवा हैं और 20 के करीब की उम्र है। दोनों एक ही गांव और एक ही बिरादरी से आते हैं। दोनों बालिग हैं और शादी करना चाहते थे। ऐसे में हमें उनकी मदद करने में कोई मुश्किल नहीं हुई। नजदीक से एक पुजारी को बुलाकर शादी करा दी गई। परिवार से निवेदन किया गया है कि अपना फैसला उनपर ना थोपें।’