Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

अवेक सर्जरी के जरिए ऑर्किड मेडिकल सेंटर में महिल

Ranchi : ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित ज्यादातर मरीज बड़े शहरों में इलाज की तलाश करते हैं. जिससे मरीज का कीमती समय तो बर्बाद होता ही है, उन्हें ज्यादा पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं. शहर का मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ऑर्किड मेडिकल सेंटर ने 48 वर्षीय महिला का अवेक सर्जरी के माध्यम से ब्रेन ट्यूमर का सफल इलाज किया है. न्यूरो सर्जन डॉ विक्रम सिंह ने कहा कि ऑर्किड मेडिकल सेंटर में एक 48 वर्षीय महिला को कई बार दौरा पड़ने की शिकायत के साथ इमरजेंसी की हालत में लाया गया था. जांच करने पर पता चला कि महिला को ब्रेन ट्यूमर है. जिसे इंसुलर गिल्योमा कहा जाता है. यह जानकारी न्यूरो सर्जन डॉ विक्रम सिंह ने प्रेस क्रॉन्फ्रेस कर दी है. ( पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला बर्खास्त, गिरफ्तार, बोले CM भगवंत मान, भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे)

इसे भी पढ़ें – इंजीनियरों के लिए सुनहरा मौका, डिप्लोमा करने वालों को भी मिलेगी सरकारी नौकरी

अवेक क्रेनियोटॉमी के माध्यम से की गयी सफल सर्जरी

डॉ विक्रम ने बताया कि यह ट्यूमर मस्तिष्क के उन क्षेत्रों के बहुत करीब होता है जो विपरीत दिशा के अंगों में शक्ति को नियंत्रित करता है. सर्जरी से लकवा का खतरा अधिक होता है. मरीज की सुरक्षा बढ़ाने के लिए रोगी को जगाए रखते हुए ऐसी सर्जरी की जा सकती है. ताकि ट्यूमर को हटाते समय हाथ और पैर की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. इस सर्जरी को अवेक क्रेनियोटॉमी कहा जाता है. इस सर्जरी में एनेस्थीसिया टीमों से तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है. सभी के साथ सामंजस्य स्थापित कर महिला की सफल सर्जरी की गई.

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे

इसे भी पढ़ें – Justin Bieber 18 अक्टूबर को दिल्ली में करेंगे परफॉर्म, 4 जून से BookMyShow पर खरीद सकेंगे टिकट

एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों ने कहा- चुनौतीपूर्ण सर्जरी कर बचायी मरीज की जान

वहीं ऑर्किड मेडिकल सेंटर के कंसलटेंट एनेस्थेटिस्ट डॉ वैभव तुलस्यान ने कहा कि यह अवेक सर्जरी था. इस सर्जरी में मरीज को दर्द होता और मरीज हिलने लगती है. इसके लिए स्कल्प ब्लॉक देकर मरीज को दर्द से बचाया गया. फिर सुलाने के लिए दवाई दी गई. जब पेशेंट को जगाना होता तब दवाइयां बंद कर दी जाती थी. रिस्पांस मिलने के बाद फिर आगे की प्रक्रिया पूरी  कर सर्जरी की गयी. वहीं एनेस्थेटिस्ट डॉ अमित गुप्ता ने कहा कि किसी भी सर्जरी में मरीज को बेहोश किया जाता है, लेकिन यह अवेक सर्जरी था. सिर्फ सोने के लिए दवाइयां दी गई. सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण था.

इसे भी पढ़ें – BJP में बढ़ रहा JVM का कुनबा, जेवीएम के ‘सर’ ‘पंच’ समेत 4 वापस, सिर्फ प्रदीप बचे अकेले

प्रेस कांफ्रेंस में ये रहे मौजूद

कर्नल डॉ अंजनी कुमार (मेडिकल सुपरिटेंडेंट), डॉ पीके गुप्ता ( चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर), डॉ विक्रम सिंह (कंसलटेंट न्यूरो सर्जन), डॉ अमित कुमार गुप्ता (कंसल्टेंट एनेस्थेटिस्ट), डॉ वैभव तुलस्यान (कंसल्टेंट्स एनेस्थेटिस्ट) और संतोष सिंह (जेनरल मैनेजर) मौजूद रहे.

इसे भी पढ़ें – शेल कंपनी और खनन लीज मामला : PIL की मेंटेनबिलिटी पर 1 जून को सुनवाई करेगा HC, सरकार ने मांगा समय

आप डेली हंट ऐप के जरिए भी हमारी खबरें पढ़ सकते हैं। इसके लिए डेलीहंट एप पर जाएं और lagatar.in को फॉलो करें। डेलीहंट ऐप पे हमें फॉलो करने के लिए क्लिक करें।