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‘गंगा जमुनी तहजीब विविधता को दिल से आत्मसात करने की चीज’, इलाहाबाद HC ने हिंसा भड़काने के आरोपी को जमानत के साथ दिया ये आदेश

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प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने भीड़ में हिंसा भड़काने के एक आरोपी (Hapur Violence Accused) को जमानत देते हुए अहम टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि गंगा जमुनी तहजीब कोई रिवाज नहीं है जिसे बातचीत में इस्तेमाल किया जाए। वास्तव में यह आचरण में उतारा जाने वाला एक आत्मबल है। अदालत ने कहा कि गंगा जमुनी तहजीब की संस्कृति महज मतभेदों को बर्दाश्त करना नहीं है, बल्कि यह विविधता को आत्मसात करने की चीज है। उत्तर प्रदेश की प्रकृति, भारतीय दर्शन की उदारता को सामने लाती है। कोर्ट ने आरोपी को सार्वजनिक स्थानों पर राहगीरों और यात्रियों को शरबत और ठंडा पानी पिलाने का आदेश दिया है। आरोपी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले का रहने वाला है।

आरोपी को जमानत देते हुए राहगीरों को ठंडा पानी और शरबत पिलाने का आदेश
कोर्ट ने यह टिप्पणी हापुड़ के नवाब नाम के एक व्यक्ति की जमानत की अर्जी मंजूर करते हुए की। यह व्यक्ति भीड़ में हिंसा भड़काने का आरोपी है और इसके खिलाफ हापुड़ जिले के सिंभावली पुलिस थाना में आईपीसी की धारा 147, 148, 504, 307, 354, 324 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पिछले शुक्रवार को रिकॉर्ड पर गौर करने के बाद अदालत ने पाया कि राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के बीच झगड़े के बाद समर्थकों की भीड़ हिंसक हो गई जिसके बाद यह प्राथमिकी दर्ज की गई। यह घटना चुनाव परिणाम आने के बाद घटित हुई थी।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपी को जमानत देते हुए राहगीरों को ठंडा पानी और शरबत पिलाने का आदेश दिया
‘सांप्रदायिक हिंसा से शांति भंग होती है, समाज का ताना बाना टूटता है’
जस्टिस अजय भनोट ने कहा, ‘भीड़ के हिंसक होने की घटनाओं से समाज में असंतोष फैलता है और किसी सभ्य राष्ट्र में इसका कोई स्थान नहीं है। कानून अपना काम करेगा। हालांकि, इस मुद्दे का दूसरा पहलू भी है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’ कोर्ट ने कहा, ‘सांप्रदायिक हिंसा से शांति भंग होती है और समाज का ताना बाना टूटता है। राजनीति लोकतंत्र के लिए अपरिहार्य है, लेकिन राजनीति संवाद पर एकाधिकार नहीं कर सकती। अकेले कानून और अदालतें इस समस्या से नहीं निपट सकतीं। बंधुत्व को प्रोत्साहित करने और शांति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी समाज के सभी वर्गों की है।’

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‘हर भारतीय का कर्तव्य है…देश में शांति बनाए रखें’
याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता के वकीलों ने अदालत को बताया कि संबंधित पक्षकार हापुड़ जिले में मई-जून, 2022 में किसी सार्वजनिक स्थल पर एक सप्ताह तक राहगीरों को ठंडा शर्बत और पानी पिलाएंगे। अदालत ने कहा, ‘भारतीयों की कई पीढ़ियों ने आजादी पाने के लिए अपना खून पसीना बहाया और इस देश को तूफान के भंवर से निकाला। कवि प्रदीप ने इसे अपनी कविता के माध्यम से व्यक्त किया है। यह प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि देश में शांति बनाए रखें।’