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शैक्षणिक संस्थाओं की भी पसंद बना गीडा

यूं तो गोरखपुर पहले से ही पूर्वांचल, सटे हुए बिहार और नेपाल की तराई के इलाके के लिए शिक्षा का हब रहा है। ऐसे में अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण शिक्षा के लिहाज से संभावनाओं का क्षेत्र रहा है। यही वजह है कि हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में खासी तरक्की हुई है। खास कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद।

इन्हीं संभावनाओं के नाते गीडा गोरखपुर (औद्योगिक विकास प्राधिकरण) भी शैक्षणिक संस्थाओं की पसंद बन रहा है।

यहां पहले से ही करीब 20 शिक्षण संस्थान है। इनमें से आईटीएम (इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट), केआईपीएम-कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एन्ड फार्मेसी, बीआईटी (बुद्धा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ) पूर्वांचल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल कॉलेज, पूर्वांचल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्चर एंड डिजायन, जयपुरिया स्कूल,  लिटिल फ्लावर स्कूल और ताहिरा स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस जैसे बड़े शिक्षण संस्थान हैं। यहां के इंजीनियरिंग, प्रबंधन एवं मेडिकल के करीब 12 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से गीडा में  स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट की स्थापना की जा रही है। इसके लिए विभाग को छह एकड़ भूमि भी आवंटित की जा चुकी है।

इसके अलावा मेसर्स  बुद्धा मेडिकल ट्रस्ट द्वारा करीब 5 एकड़ में पैरा मेडिकल कॉलेज और 100 बेड के हॉस्पिटल का निर्माण प्रस्तावित है। इसके निर्माण में करीब 10 करोड़ की लागत आएगी और 50 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके अलावा भी कई शिक्षण संस्थाएं पाइपलाइन में हैं। उम्मीद है कि जैसे-जैसे यहां का औद्योगिक विस्तार होगा। इनके लिए टाउनशिप बसेगी। शैक्षणिक संस्थाओं के लिए यह पूरा क्षेत्र आकर्षण का और केंद्र बनेगा।

अगर गोरखपुर के मौजूदा शैक्षणिक परिदृश्य की बात करें तो यहां पहले से ही पण्डित दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) और बीआरडी  मेडिकल कॉलेज हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी अपनी सेवाएं देना प्रारंभ कर चुका है। 28 अगस्त 2021 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से गोरखपुर को एक साथ दो विश्वविद्यालयों की सौगात मिली। करीब 268 करोड़ रुपए की लागत से 52 एकड़ में महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया गया। इसी दिन राष्ट्रपति ने गोरखनाथ मंदिर की ओर से संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद से संबद्ध महायोगी गुरु गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण भी किया। इसके साथ ही गोरखपुर देश के उन चुनिंदा शहरों में शुमार हो गया जहां चार-चार विश्वविद्यालय हैं।