दहशतगर्द विकास दुबे के कारखास तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और दरोगा (हलका इंचार्ज) केके शर्मा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। वर्तमान में दोनों बिकरू कांड के केस में जेल में बंद हैं। विभागीय जांच पूरी होने के बाद दोनों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है।
बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने के लिए दबिश दी थी। दबिश के दौरान विकास व उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। डीएसपी, शिवराजपुर एसओ समेत आठ पुलिसकर्मियों को इन बदमाशों ने गोलियों से भून दिया था।
केस में करीब पचास आरोपी जेल में बंद हैं, जबकि विकास दुबे समेत छह बदमाश मुठभेड़ में मारे गए थे। जेल में बंद आरोपियों में तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी व बिकरू हलका इंचार्ज केके शर्मा भी शामिल हैं। विभागीय जांच में दोनों दोषी पाए गए। जिसके बाद अब उनको नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
दहशतगर्द से मिलीभगत की हुई पुष्टि
विवेचना में सामने आया था कि दोनों पुलिसकर्मी विकास दुबे के करीबी थे। दोनों वारदात की साजिश में शामिल थे। वारदात के समय वहां से भाग निकले थे। विभागीय जांच में भी सामने आया कि दोनों ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया। अपराधी का साथ दिया। इसके साक्ष्य वह गवाह दोनों सामने थे। इसी आधार पर उनको दोषी बनाया गया।
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