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मोदी सरकार के 8 बड़े फैसले जिन्होंने हर भारतीय पर डाला असर

मोदी सरकार ने आज (26 मई, 2022) केंद्र की सत्ता में अपना आठ साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। मोदी सरकार का पिछले आठ सालों का सफर उपलब्धियों से भरा रहा है। इस दौरान सरकार ने कई ऐसे फैसले किए, जो काफी चर्चा में रहे। इन फैसलों ने जहां देश की दशा और दिशा को बदलने का काम किया, वहीं जनता के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई है। ऐसे कई बड़े फैसले किए जिनका असर दूरगामी होने के साथ आम आदमी को राहत देने वाला रहा।
मोदी सरकार के आठ साल पूरे होने पर आइए जानते हैं ऐसे आठ फैसलों के बारे में, जिन्होंने न सिर्फ सुर्खियां बटोरी बल्कि हर भारतीय पर असर डाला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 जनवरी, 2021 को दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर विश्व को अचंभित कर दिया। सरकार ने कठिन समय में जहां देशवासियों को बड़ी राहत दी, वहीं पड़ोसी और मित्र देशों को वैक्सीन मुहैया कराकर मदद की। मोदी सरकार का टीकाकरण अभियान लगातार कीर्तिमान बनाते हुए सफलता के साथ तेज गति से आगे बढ़ा रहा है।
अब तक 192.82 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं। 12 से 14 आयु वर्ग के 3,33,02,653 से ज्यादा बच्चों को पहली खुराक दी जा चुकी है। 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 5,93,02,696 किशोरों को पहली खुराक और 4,52,06,782 किशोरों को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना संकट के समय गरीब लोगों की सहायता के लिए मार्च 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया। इसके तहत 80 करोड़ लोगों को तीन महीने तक हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (गेहूं या चावल), एक किलो दाल दिए जाने की व्यवस्था की गई।
बाद में इसे छह चरणों में बढ़ाकर सितंबर 2022 तक किया गया। अब इस योजना के छठे चरण के तहत सितंबर 2022 तक 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन मिलेगा। इसके तहत सरकार गरीब परिवारों को 1,003 लाख टन अनाज का वितरण करेगी जिस पर 3.4 लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। अब तक सरकार 2.60 लाख करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है और अगले 6 महीनों में इस पर 80 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस योजना के अब तक पांच चरण चलाए जा चुके हैं। मार्च 2022 तक खाद्य मंत्रालय ने कुल 759 लाख टन खाद्यान्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को वितरित किया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संकट से उत्पन्न चुनौती को अवसर में बदलने के लिए देश को आत्मनिर्भर बनाने का फैसला किया। 12 मई, 2020 को दिए राष्ट्र के नाम संदेश में 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक सहायता पैकेज का ऐलान किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत शब्द का जिक्र किया। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान का नाम दिया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों को भी परिभाषित किया- इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड। इस मौके पर उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के वोकल फॉर लोकल पर जोर दिया और उन्होंने ग्लोबल बनाने की बात कही।