समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा के लिए तीसरे उम्मीदवार के तौर पर जयंत चौधरी केनाम पर मुहर लगा दी है। वह सपा और रालोद के संयुक्त उम्मीदवार होंगे। इससे पहले कपिल सिब्बल और जावेद अली नामांकन कर चुके हैं। अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी व कन्नौज की पूर्व सांसद डिंपल यादव के आजमगढ़ से मैदान में उतरने की चर्चा है।
वहीं, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी 30 मई को राज्यसभा के लिए नामांकन करेंगे। आपको बता दें कि रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को राज्यसभा के लिए सपा-रालोद का संयुक्त प्रत्याशी घोषित कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अहम सियासी कदम उठाया है। अखिलेश ने भविष्य की संभावनाओं को मजबूती देने केलिए यह फैसला लिया है। साथ ही यह संदेश देने की भी कोशिश की है कि गठबंधन में आपसी प्यार और सम्मान बना रहेगा।
यूपी के लिए राज्यसभा की कुल 11 सीटों पर चुनाव हो रहा है। इसमें भाजपा को सात और सपा को तीन सीटें मिलना तय है, जबकि 11 वीं सीट के लिए दोनों दलों के बीच संघर्ष होगा। सपा की तरफ से कपिल सिब्बल और जावेद अली नामांकन कर चुके हैं। तीसरी सीट के लिए मंथन चल रहा था।
चर्चा थी कि डिंपल यादव को तीसरे सदस्य के रूप में राज्यसभा भेजने की तैयारी है। घटनाक्रम में बुधवार को तब मोड़ आया, जब लखनऊ में रालोद के विधायकों ने अखिलेश यादव से मुलाकात की। उन्होंने मजबूती से अपनी बात रखी और कहा कि भले ही इस बाबत वादे हुए हों या न हुए हों, लेकिन गठबंधन का सरोकार और वक्त का तकाजा यही कहता है कि जयंत को राज्यसभा भेजा जाए।
भले ही सपा और रालोद गठबंधन अपेक्षित प्रदर्शन न कर पाया हो पर दोनों ने मिलकर मजबूती से चुनाव लड़ा और तमाम ऑफर के बावजूद जयंत गठबंधन के साथ मजबूती से खड़े रहे। चुनाव में भी उन्होंने पूरी ताकत लगाई। रालोद नेताओं ने यह बात रखी कि अब गठबंधन धर्म निभाने का फर्ज आया तो उससे निभाया जाना चाहिए। परिणाम यह रहा कि अखिलेश ने यह घोषणा कर दी कि उनके उम्मीदवार जयंत होंगे।
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