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ललितपुर गैंगरेप मामले में 22 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई, केस में बड़े-बड़ों के नाम

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ललितपुर : 17 साल की लड़की से हुए सामूहिक बलात्कार (Lalitpur Gangrape Case) के एक मामले में पुलिस ने 28 में से 22 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की है। किशोरी के साथ यह घटना करीब सात माह पूर्व घटित हुई थी, जिसमें सपा, बसपा के पूर्व जिलाध्यक्षों, उसके पिता, चाचा सहित कुल 28 आरोपी बनाए गए थे।

सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) विनोद मिश्र ने रविवार को बताया कि समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष तिलक यादव, बहुजन समाज पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष दीपक अहिरवार, अरविन्द यादव, महेंद्र दुबे, सोनू समैया, महेंद्र सिंघई, प्रवोध नारायण तिवारी, नीरज तिवारी, राजू यादव उर्फ राजेंद्र यादव, राजेश जैन झोझिया, महेंद्र यादव, कोमलकांत सिंघई, पीड़ित किशोरी के पिता, ताऊ, चाची, चचेरे भाई सहित नौ परिजनों के विरुद्ध गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की गई है।

पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक के आदेश पर पूर्व सपा, बसपा जिलाध्यक्ष सहित 22 लोगों के खिलाफ गैंग बनाकर नाबालिग किशोरियों से छेड़छाड़ और बलात्कार जैसे अपराध करने का आरोप पाते हुए गैंगस्टर कानून के तहत कार्रवाई की है। मिश्र ने बताया कि पुलिस गिरोह के सरगना तिलक यादव और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है।

किशोरी ने अपने पिता और नौ परिजनों के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के तत्कालीन जिलाध्यक्ष तिलक यादव, बहुजन समाज पार्टी के तत्कालीन जिलाध्यक्ष दीपक अहिरवार सहित दो दर्जन से अधिक लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म और षड्यंत्र करने के आरोप लगाए थे। पुलिस ने किशोरी की तहरीर पर सभी आरोपियों के विरुद्ध छेड़छाड़, सामूहिक दुष्कर्म करने, मारपीट, नशीला पदार्थ खिलाने, जान से मारने की धमकी देने सहित पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था।

नाबालिग किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष तिलक यादव व बहुजन समाज पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष दीपक अहिरवार करीब छह महीने तक जेल में बंद रहे। अप्रैल महीने में दोनों जमानत पर जेल से छूटकर बाहर आए थे।