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कृषकों की मांग वाली गन्ना किस्मों के बीज उगाने के निर्देश

उ.प्र. गन्ना शोध परिषद, शाहजहॉपुर के मा. गवर्निंग बाडी के अध्यक्ष एवं प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने दिनॉक 27 मई 2022 को लखनऊ में आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि जैव उत्पाद एक तरफ जहॉं हमारी मृदा को रसायनों के दुष्प्रभाव से बचाते हैं वहीं इनके प्रयोग से खेती की लागत में भी कमी आती है। अतः गन्ना खेती में रसायनों का उपयोग कम करने एवं जैव उत्पादों यथा एजोटोबैक्टर, आर्गेनोडिकम्पोजर, पी.एस.बी. जैसे जैव उर्वरकों एवं ट्राइकोडर्मा, वाबेरिया बैसियाना, मेटाराइजियम एनीसोपली तथा ट्राइकोकार्ड आदि जैव पेस्टीसाइड्स का प्रयोग गन्ना शोध परिषद के फार्मों पर सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये। शोध परिषद में इन जैव उत्पादों के क्षमतानुरुप उत्पादन न होने पर रोष व्यक्त करते हुए वैज्ञानिकों को सख्त निर्देश दिये कि परिषद के शाहजहॉपुर, सेवरही एवं मुजफ्फरनगर केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में जैव उत्पादों का उत्पादन कर स्वयं के फार्मों पर उपयोग करने के साथ-साथ स्थानीय कृषकों को समुचित मात्रा में उपलव्धता सुनिश्चित करायी जाये। मृदा परीक्षण के कम नमूनों की जांच पर भी अप्रसन्नता व्यक्त की गई तथा लैब की क्षमतानुसार नमूनों का परीक्षण कर स्वायल मैप तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये। यह भी निर्देश दिये गये कि इस सम्बन्ध में वृहद प्रचार-प्रसार परिषद के फेसबुक लाइव कार्यक्रम द्वारा भी किया जाय और अगले कार्यक्रम के रूप में एक कार्यक्रम मृदा परीक्षण एवं जैव उर्वरकों की उपयोगिता एवं गन्ना शोध परिषद में इनकी व्यवस्था के सम्बन्ध में तथा दूसरा कार्यक्रम जैव पेस्टीसाइड्स की उपयोगिता एवं गन्ना शोध परिषद में इनकी व्यवस्था के सम्बन्ध में प्रसारित किया गया, जिससे प्रदेश के कृषक गन्ना शोध परिषद से उपलब्ध होने वाली सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सके।
उ.प्र. गन्ना शोध परिषद, शाहजहॉपरु द्वारा विभिन्न केन्द्रों एवं चीनी मिल फार्मों पर उगाये जा रहे अभिजनक बीज की समीक्षा करते हुए पुरानी एवं कम लोकप्रिय किस्मों जैसे को.शा.8436 एवं को.शा.08272 की बुवाई अभिजनक बीज वितरण हेतु नहीं करने तथा ब्रीडर सीड प्रोग्राम के अन्तर्गत अधिकतम 10-12 किस्मों यथा-05-06 शीघ्र पकने वाली किस्मों, 03-04 मध्य देर से पकने वालीकिस्मों तथा 2-3 जलभराव एवं क्षारीय भूमियों हेतु लोकप्रिय किस्मों की ही बुवाई किये जाने एवं शेष किस्मों को सीड प्रोग्राम से हटाने के निर्देश दिये गये। यह भी निर्देश दिये गये कि इस सम्बन्ध में गवर्निंग बाडी की बैठक के समय गठित की गई कमेटी की संस्तुति प्राप्त कर यथावश्यक अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये।
यह भी निर्देश दिये गये कि वैज्ञानिकगण गन्ना शोध परिषद की आमदनी बढ़ाने हेतु परिषद की व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ाएं, जिससे कि कृषक हित के कार्यों को तीव्रता दी जा सके। समीक्षा बैठक में विशेष सचिव, डा. रुपेश कुमार, अपर गन्ना आयुक्त श्री वाई. एस. मलिक, अपर गन्ना आयुक्त एवं निदेशक श्री वी.के. शुक्ल, समस्त केन्द्र प्रभारी एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहें।