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UPSC Result: 22 साल की उम्र में आगरा के सक्षम ने किया कमाल, हासिल की 27वीं रैंक, बताया सफलता का मंत्र

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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में आगरा के सक्षम गोयल ने 22 साल की उम्र में कामयाबी हासिल की है। आवास विकास कॉलोनी के सक्षम गोयल ने 27वीं रैंक हासिल कर शहर का नाम रोशन किया है। सक्षम गोयल ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी में सफलता हासिल की है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय परिवार को दिया है। सक्षम ने सेंट कॉनरेड्स इंटर कॉलेज आगरा से वर्ष 2015 में दसवीं की परीक्षा 96.6 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण की। इसके बाद दिल्ली के वसंत कुंज स्थित डीपीएस से 12वीं की परीक्षा वर्ष 2017 में 93.4 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण की। दिल्ली में ही रहकर सेंट स्टीफंस कॉलेज से वर्ष 2020 में बीए परीक्षा पास की। स्नातक में उनके विषय राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र रहे। 

सक्षम ने जब स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की, तब उनकी उम्र महज 20 वर्ष थी। सिविल सर्विसेज की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते थे। इसलिए एक वर्ष इंतजार किया। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने आगरा में घर पर रहकर ही तैयारी की। ऑनलाइन उपलब्ध सामग्री से पढ़ाई की। 22 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा 27वीं में रैंक के साथ उत्तीर्ण की है।

रात भर पढ़ाई, सोशल मीडिया से बरती दूरी: सक्षम
सक्षम गोयल ने बताया कि रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक वह लगातार पढ़ते थे। इसके बाद सोता और फिर दिन में पढ़ाई नहीं करता। कभी पसंदीदा संगीत सुनता था। सोशल मीडिया, फेसबुक से वह दूरी बनाते रहे। तैयारी के बारे में कहा कि लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई से तैयारी में बड़ी मदद मिली। करियर बनाने में किसी की न सुनें, मन की करें। दबाव न पालें और लक्ष्य पाने के लिए मन से जुट जाएं। 

सक्षम ने बताया कि समाज की बेहतरी के लिए वह शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए कारगर नीति बनाना चाहते हैं। सक्षम अपनी इस सफलता के लिए दादा एसके गोयल (रेलवे में डीआरएम पद से सेवानिवृत्त) और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन में कार्य कर चुके और मां डॉ. छाया गोयल (गृहणी) को देते हैं। सक्षम के बड़े भाई शुभम गोयल और पिता अमित गोयल खुशी से फूले नहीं समा रहे।

आगरा की ही कांची सिंघल ने भी 223वीं रैंक हासिल कर अपनी जगह पक्की कर ली है। कमला नगर में रहने वाली कांची सिंघल ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षा के लिए छात्र-छात्राएं लक्ष्य तो बना लेते हैं, लेकिन उसे पूरा करने के लिए लगन और धैर्य की भी जरूरत है। कई बार सफल नहीं होते, इसका मतलब ये नहीं कि हार मान लें। तीसरी बार में उन्होंने यूपीएससी में सफलता मिली है।