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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था कोरोना और यूक्रेन संकट काल में भी काफी मजबूत बनी हुई है। रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने साल 2022 में भारत की विकास दर 8.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। इसके साथ ही साल 2023 के लिए विकास दर अन्य विकसित देशों से अधिक 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि मजबूत क्रेडिट ग्रोथ, कॉर्पोरेट सेक्टर की बड़े स्तर पर निवेश की घोषणा और सरकार के पूंजी खर्च पर आवंटन बढ़ाए जाने से निवेश में मजबूती आने का संकेत मिलता है।

 मूडीज ने कहा है कि अगर ग्लोबल क्रुड ऑयल और फूड प्राइस में और बढ़ोतरी नहीं होती है, तो अर्थव्यवस्था में आगे भी तेजी देखने को मिल सकती है।संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण दुनियाभर में पड़े नकारात्मक असर के बाद भी भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख इकोनॉमी बना रहेगा। संयुक्त राष्ट्र ने ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति पर जारी अपनी हालिया रिपोर्ट में वर्ष 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। जबकि रिपोर्ट में वैश्विक अर्थव्यवस्था के वर्ष 2022 में 3.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान लगाया गया है।

 रिपोर्ट में कहा गया कि इस मामले में भारत कुछ बेहतर स्थिति में है।रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2022 में भारतीय इकॉनमी 12-13 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। इक्रा के अनुसार अप्रैल में बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स रीडिंग 13 महीने में दूसरा सबसे अधिक था जिसके चलते जून 2022 तिमाही में इकॉनमी ग्रोथ 12-13 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वैसे रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच आरबीआई की सख्त मौद्रिक नीतियों और महंगाई के चलते पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ 7.2 प्रतिशत रह सकती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में cऔर रूस-यूक्रेन संकट काल में भी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष टीवी नरेंद्रन ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.5 से 8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। उन्होंने का विकास मेंनिर्यात की प्रमुख भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि इस साल अर्थव्यवस्था में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी इसलिए हम निर्यात के मोर्चे पर बहुत आशान्वित हैं। नरेन्द्रन ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर का अनुमान 7.5 से 8 प्रतिशत के दायरे में बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भारत के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को 8.2 प्रतिशत पर रखा है।