सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत तकनीकी का उपयोग करते हुये (ज्मबीदपबंस प्दजमतअमदजपवद के माध्यम से) पारदर्शी वितरण सुनिश्चित करने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को सम्पन्न वितरण की स्थलीय जाँच सुनिश्चित करते हुये उन्हें अनुमन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। इसी क्रम में माह दिसम्बर, 2021 से मार्च, 2022 तक सम्पन्न वितरण की सोशल आडिट करायी गई, जिसमें एन0एफ0एस0ए0 के अन्तर्गत सम्पन्न वितरण में कतिपय अनियमिततायें पाये जाने पर 345 उचित दर दुकानों को निलम्बित किया गया तथा 51 उचित दर दुकानों के अनुबन्ध पत्र निरस्त किये गये तथा 23 प्रकरणों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई। इस अवधि में उचित दर विक्रेताओं की रु0-9,57,650/- की प्रतिभूति की धनराशि शासन के पक्ष में जब्त की गई।
यह जानकारी अपर खाद्य आयुक्त श्री अनिल कुमार दुबे ने देते हुए बताया कि पी0एम0जी0के0ए0वाई0 के अन्तर्गत माह दिसम्बर, 2021 से मार्च, 2022 में की गयी सोशल आडिट के अन्तर्गत पायी गई अनियमितताओं के दृष्टिगत 37 उचित दर विक्रेताओं के अनुबन्ध पत्र निलम्बित तथा 15 उचित दर दुकानों के अनुबन्ध पत्र निरस्त किये गये एवं 08 प्रकरणों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई तथा उचित दर विक्रेताओं की रु0-1,70,000/- की प्रतिभूति शासन के पक्ष में जब्त की गई।
इस अवधि में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के उपभोक्ताओं को प्रति कार्ड 01 लीटर रिफाइण्ड सोयाबीन ऑयल, 01 किग्रा0 रिफाइण्ड आयोडाइज्ड नमक तथा 01 किग्रा0 साबुत चने का निःशुल्क वितरण भी किया गया। वितरण की करायी गई सामाजिक सम्परीक्षा के फलस्वरूप पायी गई अनियमितताओं पर कार्यवाही करते हुये 33 उचित दर विक्रेताओं के अनुबन्ध पत्र निलम्बित किये गये, 08 उचित दर दुकानों के अनुबन्ध पत्र निरस्त किये गये तथा 08 प्रकरणों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई एवं रू0-1,09,500 /-उचित दर विक्रेताओं की प्रतिभूति जब्त की गई।
अपर आयुक्त ने बताया कि माह दिसम्बर, 2021 से राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के लाभार्थियों को अनुमन्य खाद्यान्न एवं चीनी का निःशुल्क वितरण के आदेश दिये गये। साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत भी प्रति यूनिट 05 किग्रा0 खाद्यान्न उपरोक्त उपभोक्ताओं को निःशुल्क वितरण कराया जा रहा है।
श्री दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत पारदर्शी वितरण सुनिश्चित करने तथा वितरण के उपरान्त उसकी समीक्षा करने के उद्देश्य से प्रत्येक छः माह में सोशल ऑडिट कराये जाने का प्राविधान दिया गया है, जिसके अन्तर्गत उचित दर विक्रेता द्वारा उपभोक्ताओं को वितरित आवश्यक वस्तुओं की मात्रा, गुणवत्ता तथा उपभोक्ताओं के मध्य उसके वितरण का सत्यापन सुनिश्चित किया जाता है। उन्होंने बताया कि उचित दर विक्रेता स्तर पर आयोजित बैठकों में उचित दर दुकान से सम्बद्ध कम से कम 25 प्रतिशत अन्त्योदय एवं 25 प्रतिशत पात्र गृहस्थी राशनकार्ड धारकों की उपस्थिति अनिवार्य है।
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