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काशी धर्म परिषद: मक्का-मदीना के इमामों को बताएंगे औरंगजेब का इतिहास, पंचकोसी में गैर हिंदुओं पर रोक की मांग

अभिषेक झा, वाराणसी : ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के वजू खाने में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद अब हिंदू धर्म से जुड़े साधु-संत मुखर होकर अपनी मांगों के साथ सामने आ गए हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद आज काशी में धर्म परिषद की बैठक हुई। इस बैठक में कुल 16 प्रस्तावों पर चर्चा हुई जिसमें प्रमुख रुप से मस्जिद के उस हिस्से में मुसलमानों के प्रवेश और नमाज़ पर रोक लगाने के साथ ही कथित शिवलिंग की पूजा का अधिकार देने की मांग की गई है।

इस धर्म परिषद की बैठक में इतिहासकार भी शामिल थे। इस बैठक में संत परिषद ने मुस्लिम धर्मगुरूओं से अपील की कि वो सनातन धर्म के प्रमुख आस्था के केंद्र पर से अपना दावा छोड़ें। इतना ही नहीं धर्म परिषद में इस बात पर भी सहमति बनी की मक्का और मदीना के इमामों को पत्र लिखकर औरंगजेब के काशी के मंदिरों के विध्वंस के इतिहास को बताया जाएगा ।

मक्का मदीना के इमामों को लिखेंगे पत्र , बताएंगे इतिहास
धर्म परिषद की बैठक में साधु संतों के साथ इतिहास के कुछ प्रोफेसर भी शामिल थे। बैठक में इस बात पर सहमति बनी की औरंगजेब द्वारा काशी में तोड़े गए मंदिरों के इतिहास के बारे में मक्का और मदीना के इमामों को भी पत्र लिखकर इतिहास से अवगत कराया जाएगा। साथ ही धर्म परिषद में इस बात पर भी सहमति बनी कि मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की जाएगी कि वह काशी जैसे सनातन आस्था के प्रमुख केंद्र ज्ञानवापी स्थान पर से अपना दावा छोड़ें। इतिहास के हर उस घटनाक्रम को भारतीय मुसलमानों को बताया जाएगा जो यह साबित करते हैं कि मंदिरों को तोड़कर बड़े पैमाने पर मस्जिद बनाए गए हैं। चाहे वह बिंदु माधव का मंदिर हो या लाट भैरव का मंदिर हो।

जंहा मिला शिवलिंग वहां पर मुसलमानों को नमाज़ से रोकें और सनातनियों को दें पूजन का अधिकार
धर्म परिषद में इस बात की जबरदस्त मांग उठी की ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में जो स्वयंभू आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग मिला है वहां पर तत्काल ही पूजा-पाठ की इजाजत दी जाए। साथ ही मुसलमानों के प्रवेश और नमाज अदा करने पर तत्काल रोक लगाई जाए। ज्ञात हो कि गुरुवार को ही स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शनिवार को शिवलिंग पर पूजा पाठ करने की का ऐलान किया है।

पंचकोसी क्षेत्र में हो मुस्लिमों का प्रवेश निषेध, मांस मदिरा पर भी लगे प्रतिबंध
पातालपुरी मठ के महंत बालक दास ने कहा कि जैसे ईसाइयों के लिए वेटिकन सिटी और मुस्लिमों के लिए मक्का मदीना है, वैसे ही दुनियाभर के सनातन धर्म को मानने वाले के लिए काशी सबसे प्रमुख आस्था का केंद्र है। जैसे मक्का के 25 किलोमीटर परिधि के क्षेत्र में गैर मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है साथ ही वेटिकन सिटी में भी गैर क्रिश्चियन प्रवेश नहीं कर सकते और किसी भी अन्य धर्म के प्रतीक चिंह नही हैं उसी तर्ज पर काशी के भी पंचकोसी क्षेत्र में गैर हिंदू के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। साथ ही इस पूरे पंचकोशी क्षेत्र को मांस मदिरा से मुक्त किया जाए।

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