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रांची के शेल्टर होम का हाल, रेस्क्यू किए गए बच्चों को रखने की जगह नहीं

Ranchi: राजधानी रांची में शेल्टर होम की कमी के कारण रेस्क्यू किये गए नाबालिगों को रखने में दिक्कत हो रही है. रांची के शेल्टर होम की हालत इतनी खराब है कि यहां रेस्क्यू किये गए बच्चों को आश्रय देने में परेशानी होती है. यहां कम जगह और मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है. अव्यवस्था के कारण (CENTRAL WAREHOUSING CORPORATION) यानी CWC के मेंबर्स को भी रेस्क्यू किये गए बच्चों को रखने में दिक्कत हो रही है. बता दें कि रांची में कुल छह शेल्टर होम हैं. हमने रांची के सभी छह शेल्टर होम का जायजा लिया. यहां जो कुछ दिखा वह आप भी पढ़ें.

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करुणा शेल्टर होमः यह शेल्टर होम रांची के बरियातू इलाके में स्थित है. करुणा शेल्टर होम नवजात शिशु से लेकर 05 वर्ष के बच्चों के लिए है. यहां से बच्चा गोद भी लिया जाता है.
सहयोग विलेज: यह शेल्टर होम रांची के अशोक नगर में स्थित है. सहयोग विलेज शेल्टर होम बिलकुल करुणा शेल्टर होम की तरह ही काम करता है. नवजात शिशु से लेकर 05 वर्ष की आयु के बच्चे यहां रहते हैं.
बाल सुधार गृहः यह शेल्टर होम रांची के डुमरदगा में स्थित है. यहां जिन बच्चों को आपराधिक मामलों में अरेस्ट किया गया है उन्हें रखा जाता है.
बालाश्रयः यह शेल्टर होम बंद हो चुका है. जानकारी के अनुसार, यहां एब्यूज का एक मामला आया था. जिसकी वजह से इसे बंद कर दिया गया.
प्रेमाश्रयः यह शेल्टर होम सिर्फ लड़कियों के लिए है. यहां लड़कों का प्रवेश निषेध है.
आदिम जाति सेवा मंडलः आदिम जाती सेवा मंडल बंद होने की कगार पर है. यहां की स्थिति बहुत खराब है. यहां जगह की कमी है, जिससे बच्चो को काफी परेशानी हो रही है.
आखिर कहां रखे जाएंगे रेस्क्यू किए गए बच्चे:

अब सोचने वाली बात ये है की जो बच्चे रेस्क्यू किये जा रहे है उन्हें रखा कहां जाये. इसे लेकर हमने रांची जिले के CWC चेयरमैन अजय शाह से बात की. उन्होंने बताया कि सरकार से आग्रह किया है की जल्द से जल्द कोई नया शेल्टर होम का निर्माण किया जाये या फिर जो पुराने शेल्टर होम बंद हो चुके हैं उनको फिर से खोला जाये.

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अजय शाह ने बताया की कुछ दिन के लिए उन्होंने फैसला लिया है की रेस्क्यू किये गए बच्चों को आशा शेल्टर होम जो चुटिया में स्थित है, बच्चों को वहा रखा जाये. उन्होंने बताया की आशा शेल्टर होम को FIT FACILITY अंडर सेक्शन 51 ऑफ JUVENIEL JUSTICE के अंडर रखा गया है. इस सेक्शन के तहत आशा शेल्टर होम के अंदर बच्चों को रखा जाएगा. उन्होंने बताया की उन्हें भी रेस्क्यू किये गए बच्चों को रखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह यह है कि कभी भी किसी बच्चे की इमरजेंसी आ जाती है, ऐसे में शेल्टर होम का होना बहुत जरूरी है. उन्होंने ये भी बताया की रविवार को रेस्क्यू किये गए 10 बच्चों के परिवार वालों को फोन कर दिया गया है और बहुत जल्द वे अपने बच्चों को वापस ले जाएंगे.

 

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