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दंगे के खिलाफ ऐक्शन, बुलडोजर से लेकर लाउडस्पीकर तक…योगी सरकार के वो फैसले, दूसरी सरकारों के लिए नजीर बन गए

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल के 70 दिन के भीतर कई ऐसे फैसले लिए गए हैं, जिसने सरकार की तेज गति को सामने ला दिया है। योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल चुनौतीपूर्ण रहने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन शुरुआती ऐक्शन ने भविष्य के मार्ग दिखाए हैं। 71 दिन पहले यानी 25 मार्च को जब योगी सरकार 2.0 के मंत्रिमंडल का गठन हुआ था तो कई सवाल खड़े किए जा रहे थे। मनपसंद मंत्रिमंडल न होने से लेकर कई प्रकार की बातें सामने आईं। लेकिन, 37 साल बाद एक दल के दोबारा सत्ता में वापसी के पीछे चेहरा बने योगी आदित्यनाथ के निर्णयों ने साफ कर दिया है कि इन तमाम विवादों के इतर प्रदेश में नेतृत्व का चेहरा वही हैं। योगी सरकार ने सरकार की शुरुआत के साथ ही मुफ्त खाद्यान्न योजना को तीन माह बढ़ाकर एक बड़ा तोहफा दे दिया। इसके अलावा दूसरे शासनकाल में भी योगी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं।

लाउडस्पीकर पर बैन
यूपी में सरकार बनने के साथ ही लाउडस्पीकर विवाद जोर पकड़ने लगा। महाराष्ट्र से उठा तूफान दिल्ली हिंसा के दौरान भी गहराता दिखा। दिल्ली की मंगोलपुरी में हिंसा के दौरान लाउडस्पीकर का मामला जैसे ही जोर पकड़ा, यूपी में इसको लेकर बहस शुरू हो गई। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी किया कि धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए। आवाज बाहर जाने की स्थिति में उसे जब्त किए जाने का आदेश दिया गया। नए किसी स्थल पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया गया। योगी ने सबसे पहले गोरखपुर के बाबा गोरक्षपीठ मंदिर से लाउडस्पीकर उतरवाया तो प्रदेश के हर धार्मिक संस्थानों से लाउडस्पीकर उतरने लगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी विधायकों के साथ बैठक में इसकी तारीफ की थी।

माफिया पर कार्रवाई
योगी सरकार ने कार्यकाल की शुरुआत से ही माफियाओं पर कार्रवाई शुरू कर दी थी। यूपी चुनाव के दौरान सीएम योगी ने पश्चिमी यूपी के कई जनसभाओं में कहा था कि हम मई-जून में भी शिमला बना देते हैं। उनका यह बयान अपराध को रोकने के लिए कार्रवाई के रूप में सामने आया। सीएम योगी ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई को दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही आगे बढ़ाया। जिस बुलडोजर बाबा की छवि ने उन्हें चुनाव में बढ़त दिलाई, उसे वे बरकरार रखने में कामयाब रहे। सीएम योगी का बुलडोजर अभी भी खूब गरज रहा है।

ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन
सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 3 का आयोजन किया गया। इस आयोजन में करीब 80 हजार करोड़ की योजनाओं को शुरू किया गया। पीएम नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन हुआ। इन्वेस्टर्स ने यूपी सरकार की ओर से इज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में किए गए कार्य की सराहना की। योगी सरकार निवेश को बढ़ावा देकर लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया है।

दंगों के खिलाफ ऐक्शन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले कार्यकाल के दौरान भी दंगों को लेकर सख्त नीति दिखाई थी। सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान लखनऊ में जब उपद्रव हुआ तो उपद्रवियों के पोस्टर टांग दिए गए थे। अब कानपुर में हिंसा हुई है तो योगी सरकार की पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। आरोपियों को किसी भी स्थिति में न बख्शने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। योगी सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि इस हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई आरोपियों से की जाएगी।

घोषणापत्र को जमीन पर उतारने की कवायद
यूपी चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने संकल्प पत्र जारी किया। इसमें लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई घोषणाएं की गई। योगी सरकार ने आम बजट 2022-23 में संकल्प पत्र की 97 घोषणाओं को बजटीय प्रावधान के दायरे में ला दिया है। बची घोषणाओं को अगले वर्षों में लागू किए जाने का दावा किया गया है। इसके साथ ही योगी ने साबित किया कि चुनाव में की जाने वाली घोषणाओं केवल दिखाने के लिए नहीं करते हैं।