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ऐसे बिखरा एक युवा का सपना : CBI की नौकरी छोड़ी, बनना थ

Vinit Upadhyay

Ranchi : झारखंड में नौकरी की तैयारी करते-करते ज़्यादातर छात्र या तो कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाना सीख जाते हैं या फिर नौकरी नहीं मिलने की स्थिति में जब उनके सपने टूटते हैं, तो वे दूसरे छात्रों के सपनों को साकार करने की कोशिश में लग जाते हैं. स्थिति ऐसी बन चुकी है कि झारखंड में अधिकारी बनने का सपना संजोकर पढाई करने वाले कई अभ्यर्थी अब दूसरे फिल्ड में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसा ही एक उदाहरण है कुणाल सिंह. जिनकी कहानी हम अपनी इस खबर में प्रकाशित कर रहे हैं.

कुणाल सिंह ने लगभग 10 साल तक सरकारी नौकरी के लिए तैयारी की. इस दौरान जमकर पढ़ाई की और कई परीक्षाएं दी. परीक्षा में पास भी हुए और इंटरव्यू तक भी पहुंचे. लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिली. सबसे पहले वर्ष 2011 में इनका चयन UPSI में sub inspector के पद पर हुआ. लेकिन इनकी चाहत गृह राज्य झारखंड में नौकरी की थी. इस वजह से इन्होंने सब इंस्पेक्टर की नौकरी करना बेहतर नहीं समझा. फिर वर्ष 2012 में CBI में लॉ असिटेंट पद पर नौकरी लगी, लेकिन झारखंड में अधिकारी बनने के सपने ने कुणाल के पैर वहां भी थमने नहीं दिए. कुणाल ने इस नौकरी को भी छोड़ दी और फिर से झारखंड में पदाधिकारी बनने के लिए परीक्षा की तैयारी में जुट गए. पढ़ें – RBI के ऐलान से पहले तीन बैंकों ने बढ़ायी ब्याज दर, अब ग्राहकों को मिलेगा महंगा लोन

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JSSC CGL की परीक्षा रद्द होते ही हो गया था मायूस – कुणाल

साल 2015 में कुणाल ने JSSC CGL और सेंट्रल CGL दोनों का फॉर्म भरा. सेंट्रल CGL में यह इनका अंतिम मौका था. जिसमें प्रीलिम्स में ऑल इंडिया रैंक 11 आया और JSSC CGL की प्रारंभिक परीक्षा में भी सफल हुए. दोनों परीक्षाओं की मुख्य परीक्षा में सिर्फ 10 दिनों का अंतर था, इसलिए कुणाल ने JSSC CGL की मुख्य परीक्षा के मेंस पर ही अपना फोकस किया, ताकि झारखंड में नौकरी कर सकें. लेकिन झारखंड सरकार ने 2015 वाली JSSC CGL की परीक्षा ही रद्द कर दी. इस दौरान कुणाल प्रयागराज में रह रहे थे, और अपना खर्च उठाने के इंग्लिश की कोचिंग पढ़ाने लगे.
कुणाल ने बताया कि इसी बीच JSSC CGL के रद्द होने पर मैंने इसके खिलाफ लड़ाई सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ी, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा. 7th JPSC में अनिमियतता की लड़ाई भी सड़क पे लड़ी और मैंने ही राज्यपाल से मिलकर इस बात का दावा किया था कि JPSC के पास कैंडिडेट की OMR sheet नहीं है.

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Exams Fighters के माध्यम से छात्रों पढ़ा रहे कुणाल

Jharkhandi yuwa mange rojgar जो अभी तक के झारखंड के सबसे बड़े स्टूडेंट का सोशल मीडिया अभियान था, उसे भी लीड किया. JPSC MOVEMENT में कुणाल समेत कई छात्रों पर FIR तक दर्ज हो चुका है.
नौकरी नहीं मिलने और नौकरी के लिए JPSC और सरकार से लड़ाई के दौरान कुणाल पर दो मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं. जिसके बाद अब अफसर बनने का सपना छोड़ कुणाल ने ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफार्म “Exams Fighters” स्थापित किया और अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं. Exams fighters का अपना अपना यूट्यूब चैनल भी है. जिसके जरिये लाखों छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.
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