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Kanpur Violence Update: कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर को हो रही थी विदेशी फंडिंग, 3 साल में करीब 48 करोड़ का हुआ लेनदेन

सुमित शर्मा, कानपुर: कानपुर हिंसा की जांच में हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी का विदेशी फंडिंग कनेक्शन सामने आ रहा है। हयात जफर और उसके करीबियों को विदेश से फंडिंग की जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक, हयात जफर हाशमी के बैंक खातों से 47 करोड़ 68 लाख रुपयों का लेनदेन हो चुका है। पुलिस ने कोर्ट से हयात जफर हाशमी को रिमांड में लेकर पूछताछ करने की मांग की है। जानकारी के मुताबिक, विदेशी फंडिंग को लेकर जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय जांच कर सकता है।

जौहर फैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी को 2019 से विदेशी फंडिंग हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, हयात जफर हाशमी का बाबूपुरवा इलाके की प्राइवेट बैंक में खाता खोला गया था। जिसका अकाउंट नंबर 50014717838 है। इस अकाउंट में 30 जुलाई 2019 में 3 करोड़ 54 लाख रुपये जमा किए गए थे। इसके बाद सितंबर 2021 में 98 लाख एक साथ से निकाले गए थे। खाते में एक करोड़ 27 लाख जमा हैं।

ईडी कर सकती है पूछताछ
सूत्रों के मुताबिक, इसी तरह से हयात जफर हाशमी के दो और बैंक अकाउंट हैं। इन बैंक अकाउंट से भी लेने देन किया गया है। अब तक तीनों अकाउंट से तीन साल में 47 करोड़ 68 लाख रुपयों का लेनदेन अब तक हुआ है। इन खातों में अब महज 11 लाख रुपए शेष बचे हैं। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है कि विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल कहां से हुआ। विदेशी फंडिंग कौन रहा था। इसके लिए जल्द ही ईडी की टीमें भी पूछताछ कर सकती हैं।

कौन है कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड
कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के कांग्रेस पार्टी से संबंध सामने आए हैं। हयात जफर हाशमी के पिता कांग्रेस के नेता रहे हैं। हयात जफर ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी। कांग्रेस नेताओं से उसके अच्छे संबंध हैं। विधानसभा चुनाव में भी हयात जफर को देखा गया था। जानकारी के मुताबिक, हयात जफर ने पार्टी से दूरी बनाकर मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन नाम से एनजीओ के लिए काम करने लगा था।

हयात जफर हाशमी पर दर्ज हैं 09 मुकदमे
कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के खिलाफ 09 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें विवादित बयान देकर लोगों को भड़काने का भी मामला दर्ज है। हयात पर पहला मामला 2008 में मारपीट और धमकी का दर्ज हुआ था। 2011 में आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज हुआ था। जानकारी के मुताबिक, इस मामले में वह बरी हो चुका है। 2012 में चोरी का केस, 2013 में साजिश रचकर खुदकुशी के प्रयास का केस दर्ज हुआ था। 2015 में सेवन सीएलए, धार्मिक भावनाएं भड़काना, बलवा समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ। 2019 में सेवन सीएलए, बलवा का केस दर्ज हुआ। 2021 में महामारी अधिनियम समेत दो केस दर्ज किए गए थे।